यूएस राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है। वह पूर्व सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं, मुझे लगता है कि उनकी महत्वाकांक्षा उस जगह के बिल्कुल विपरीत है जहां बाकी दुनिया आ गई है।
वाशिंगटन। रूस के यूक्रेन (Russia Ukraine war) पर लगातार हमले और दुनिया पर मंडरा रहे तृतीय विश्व युद्ध के अंदेशों के बीच एक बार फिर अमेरिकन राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) पर हमला बोला है। बिडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हमलावर हैं। पुतिन ने इस युद्ध को चुना, और अब वह और उनका देश परिणाम भुगतेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी राष्ट्र अगर यूक्रेन के खिलाफ रूस का साथ देगा तो उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि VTB सहित 4 और रूसी बैंकों (Russian Banks) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वह पूर्व सोवियत संघ को फिर स्थापित करना चाहते
यूएस राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है। वह पूर्व सोवियत संघ को फिर से स्थापित करना चाहते हैं, मुझे लगता है कि उनकी महत्वाकांक्षा उस जगह के बिल्कुल विपरीत है जहां बाकी दुनिया आ गई है।
भारत को लेना है फैसला
प्रेसिडेंट बिडेन ने यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर भारत के रूख पर बात करते हुए कहा कि हम आज भारत के साथ परामर्श कर रहे हैं। अभी हमको इसके नतीजे का इंतजार है।
रूसी सेना से यूक्रेन में अमेरिकी सेना नहीं जा रही लड़ने
रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा करने और धमकी दे रहे यूएस राष्ट्रपति बिडेन ने साफ किया है कि अमेरिकी सेना यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध करने नहीं जा रही है। ये हम सबके लिए एक खतरनाक समय है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर नाटो बलों को मजबूत करने के लिए अमेरिका जर्मनी में अतिरिक्त बलों को भेज रहा है। यूक्रेन में हमारी सेना जंग के लिए नहीं जाएगी। नाटो के सभी देशों को हमारा समर्थन रहेगा।
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यूक्रेन के सैन्य बुनियादी ढांचों को तबाह कर रहा रूस
रूस मिसाइलों से हमला कर यूक्रेन के सैन्य बुनियादी ढांचों को तबाह कर रहा है। गुरुवार तड़के रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाके में सैन्य कार्रवाई की घोषणा की थी। इसके बाद से यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर रूस लगातार हमले कर रहा है। सैन्य बुनियादी ढांचों, एयर डिफेंस और एयर फोर्स के ठिकानों पर हमले किए जा रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव के अलावा निप्रो और खार्कीव में सेना मुख्यालयों, हवाई पट्टियों और सैन्य वेयरहाउसों पर हमले हुए हैं।
रूस की सेना ने 74 सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। 30 से अधिक जगहों पर बड़े हमले हुए हैं। राजधानी कीव में रूस की सेना घुस गई है। यूक्रेन के 40 सैनिकों और आम लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है। कीव में यूक्रेन का एक फाइटर जेट क्रैश हो गया है। रूस के पैराट्रूपर्स यूक्रेन के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों के पास हवा से उतर रहे हैं और उनपर कब्जा कर रहे हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस के 50 सैनिक मारे गए हैं।
सोमवार को रूस ने दो देशों को दी थी मान्यता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। इन दोनों को अलग देश के रूप में पुतिन ने मान्यता देते हुए अपने रक्षा मंत्रालय को अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में शांति व्यवस्था का कार्य संभालने का निर्देश दिया।
यह है विवाद की वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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