Mothers day 2023: जिस महिला ने शुरू किया मदर्स डे, उसने ही की खत्म करने की कोशिश, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

International Mothers day 2023: क्या आप जानते हैं कि जिस एना जार्विस ने मदर्स डे की शुरूआत की थी, उसने ही इसे खत्म करने की कोशिश की थी?  इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने एक अभियान भी चलाया था।

Danish Musheer | Published : May 14, 2023 5:54 AM IST / Updated: May 14 2023, 11:30 AM IST

International Mothers day 2023: आज दुनियाभर में मदर्स डे (Mothers day) मनाया जा रहा है। मदर्स डे का इतिहास करीब 111 साल पुराना है। पहली बार मदर्स डे 1908 में अमेरिका में मनाया गया। इस दिन की शुरुआत अमेरिका के वर्जीनिया में रहने वाली एना जार्विस (Anna Jarvis ) ने की थी। एना अपनी मां से बेहद प्यार करती थी, उन्होंने बिना शादी किए हुए अपनी मां के साथ पूरी जिंदगी गुजार दी थी। कहा जाता है किएना की मां ने उन्हें बड़े लाड प्यार से पाला था, जिस प्रकार हर मां अपने बच्चे को पालती है। मां के इस समर्पण भाव को देख एना अपनी मां को अपना सबकुछ मान बैठी थी।

यही कारण था कि उन्होंने अपनी शादी नहीं की और मां की देखभाल में अपनी पूरी जिंदगी निकाल दी। एना की मां हमेशा से मदर्स डे मनाना चाहती थी। उनका कहना था कि वैसे तो हर दिन मां को समर्पित होता है, लेकिन एक दिन ऐसा होना चाहिए जो पूर्ण रूप से मां को समर्पित हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस एना ने इस दिन की शुरुआत की थी, उसने ही इसे खत्म करने की कोशिश भी की। यकीनन उनकी यह कोशिश सफल नहीं रही, लेकिन उनका परिवार और रिश्तेदार यह दिन नहीं मनाते हैं।

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मदर्स डे के नाम पर बढ़ गई कालाबाजारी

दरअसल, जिस दिन पहली बार मदर्स डे मनाया गया तो एना जार्विस एक तरह से इसकी पोस्टर गर्ल थीं। उन्होंने उस दिन अपनी मां के पसंदीदा सफेद कार्नेशन फूल महिलाओं को बांटे। इसके बाद इन फूलों का व्यवसायीकरण इस कदर बढ़ा कि आने वाले वर्षों में मदर्स डे पर सफेद कार्नेशन फूलों की एक तरह से कालाबाजारी होने लगी। लोग ऊंचे से ऊंचे दामों पर इन्हें खरीदने की कोशिश करने लगे। यह देखकर एना भड़क गईं और उन्होंने इस दिन को खत्म करने की मुहिम शुरू कर दी।

मदर्स डे न मनाने के लिए एना ने चलाया अभियान

समय के साथ मदर्स डे पर सफेद कार्नेशन फूलों की बिक्री के बाद टॉफी, चॉकलेट और तमाम तरह के गिफ्ट भी चलन में आ गए। ऐसे में एना ने लोगों को फटकारा भी। उन्होंने कहा कि लोगों ने अपने लालच के लिए बाजारीकरण करके इस दिन की अहमियत ही घटा दी। साल 1920 में तो उन्होंने लोगों से फूल न खरीदने की अपील भी की। एना अपने आखिरी वक्त तक इस दिन को खत्म करने की मुहिम में लगी रहीं। उन्होंने इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया, लेकिन वह इसमें सफल न हो सकीं।

एना का परिवार नहीं मनाता मदर्स डे

मदर्स डे के बाजारीकरण के खिलाफ एना की मुहिम का असर भले ही पूरी दुनिया पर न हुआ हो, लेकिन उनके परिवार के लोग औक रिश्तेदार यह दिन नहीं मनाते हैं। कुछ साल पहले मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में एना की रिश्तेदार एलिजाबेथ बर ने बताया था कि उनकी आंटियों और पिता ने कभी मदर्स डे नहीं मनाया, क्योंकि वे एना का काफी सम्मान करते थे।

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