
इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने शनिवार को पाकिस्तान से लंबे समय से रुके हुए नौवें समीक्षा बेलआउट पैकेज को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 8 बिलियन अमेरिकी डालर की व्यवस्था करने को कहा है। इसके लिए IMF ने पाकिस्तान को 7 महीने का समय दिया है। IMF ने यह डिमांड ऐसे समय में की है, जब देश 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का इंतजार कर रहा था।
बता दें कि 8 बिलियन अमेरिकी डालर की व्यवस्था करने की IMF की मांग सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) से पुष्टि प्राप्त करने के बावजूद बेलआउट पैकेज के रेवाइवल की संभावना को और कम कर रही है।
इसके साथ ही इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद आईएमएफ ने पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज न देने का फैसला कर लिया है। ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहे देश को IMF से कर्जा नहीं मिलता है, तो वहां की स्थिति बेहद खराब होने वाली है। सूत्रों का कहना है कि आईएमएफ ने मई-दिसंबर 2023 के लिए आने वाले कर्ज की किश्त सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त फाइनेंस की मांग को 6 बिलियन अमरीकी डालर से 8 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ा दिया है।
IMF की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा पाकिस्तान
इस बीच पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान अब IMF की मांग पर कोई फैसला नहीं लेगा। इशाक डार ने अनौपचारिक रूप से पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से IMF पर निर्भर करता है कि वह स्टाफ लेवल के समझौते पर हस्ताक्षर करता है या नहीं।
IMF का ध्यान कर्ज अदायगी पर
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार अब आईएमएफ की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगी। हमने पहले ही आईएमएफ की प्री-कंडीशन पूरी कर दी हैं, लेकिन अब नहीं।' सूत्रों ने कहा है कि आईएमएफ का ध्यान अब यह सुनिश्चित करने पर अधिक है कि पाकिस्तान एक्स्ट्रानल डेब्ट अदायगी की सीमा तक धन की व्यवस्था करने से चूक न जाए।
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