पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारत विरोधी मौलाना अल्लामा मसूद उर रहमान उस्मानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। दो अज्ञात हमलावरों ने उसपर गोली चलाई।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अज्ञात हमलावरों ने शुक्रवार को मौलवी अल्लामा मसूद उर रहमान उस्मानी की गोली मारकर हत्या कर दी। वह भारत के खिलाफ जहरीले बोले बोलता था। हमला इस्लामाबाद के बाहरी इलाके गौरी टाउन में दिनदहाड़े किया गया।
इस्लामाबाद पुलिस के अनुसार दो अज्ञात हमलावरों ने उस्मानी को निशाना बनाया। मौके से भागने से पहले हमलावरों ने उस्मानी के ड्राइवर को भी गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इस हमले ने पाकिस्तान में चिंता बढ़ा दी है। इस्लामाबाद जैसे सबसे सुरक्षित इलाके में ऐसे हमले कम ही होते हैं।
उस्मानी रावलपिंडी में 22 जमाद उल सानी कार्यक्रम में भाषण देने गौरी टाउन की ओर जा रहा था तभी बाइक सवार दो हमलावरों ने उनकी कार पर गोलियां चलाई। गोली लगने से मौके पर ही उस्मानी की मौत हो गई। उस्मानी की हत्या के बाद उसके हजारों समर्थक इस्लामाबाद की सड़कों पर उतर गए। उन्होंने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
PIMS में रखा गया उस्मानी का शव
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस प्रवक्ता तकी जवाद ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "मृतक की पहचान मौलाना मसूद उर रहमान उस्मानी के रूप में हुई है।" उस्मानी के शव को PIMS (Pakistan Institute of Medical Sciences) में रखा गया है।
पुलिस कर रही हत्यारों की तलाश
रविवार दोपहर तक किसी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। भारत के खिलाफ उनके विवादास्पद रुख और पाकिस्तान के धार्मिक-राजनीतिक परिदृश्य में उनकी भूमिका को देखते हुए उस्मानी की हत्या महत्वपूर्ण घटना है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हत्यारों की तलाश की जा रही है। इलाके के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
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उस्मानी सुन्नी उलेमा काउंसिल का उप सचिव था। यह संगठन पाकिस्तान में सिपाह-ए-सहाबा चरमपंथी समूह पर प्रतिबंध लगने के बाद बना था। सिपाह-ए-सहाबा का हिंसा (खासकर शिया समुदाय के खिलाफ) का इतिहास रहा है। यह हजारों मौतों के लिए जिम्मेदार है।