ऑस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 62 साल की महिला को अपने पति के शव से स्पर्म लेने की अनुमति दी है।
कैनबरा। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट ने 62 साल की महिला को अपने पति के शव से स्पर्म लेने की अनुमति दी है। महिला ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह मां बनना चाहती है। उसके पति की मौत हो गई है। इसलिए शव से स्पर्म निकलवाने की इजाजत दें।
महिला के पति की मौत 2023 के अंत में हुई थी। शव को सर चार्ल्स गेर्डनर हॉस्पिटल में रखा गया है। महिला ने हॉस्पिटल के अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि वह अपने पति के मृत शरीर से शुक्राणु निकालकर उसे स्टोर करना चाहती है। हॉस्पिटल ने महिला की गुहार पर कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उसने कोर्ट में अर्जी लगाई।
महिला के दो बच्चों की हो चुकी है मौत
महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट को पता चला कि दंपति को दो बच्चे थे, लेकिन दोनों की अलग-अलग हादसों में मौत हो गई। अपने बच्चों की मौत के बाद दंपति एक और बच्चा पैदा करना चाहते थे। महिला को डॉक्टर ने सलाह दी थी कि वह अधिक उम्र के कारण गर्भधारण नहीं कर सकती है। वहीं, उसके पति के शुक्राणु का टेस्ट किया गया तो वह ठीक था।
सरोगेट मां बनने के लिए तैयार है महिला की चचेरी बहन
महिला ने कोर्ट को बताया कि उसकी 20 साल की चचेरी बहन स्वेच्छा से सरोगेट मां बनने के लिए तैयार है। वह IVF प्रक्रिया से गुजरने के लिए भी तैयार है। दंपति एक अलग देश में रह रहे थे। महिला ने सोचा कि सरोगेसी कराने के लिए उसे कानूनी तौर पर एक विशेष समय के लिए चचेरी बहन के देश में रहना होगा। IVF प्रक्रिया होती इससे पहले ही महिला के पति की मौत हो गई।
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महिला की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए जज फियोना सीवार्ड ने उसे स्पर्म हटाने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने अभी महिला को पति के स्पर्म इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी है। इसके लिए अलग से कोर्ट के आदेश की जरूरत होगी।