
Who is Baloch: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 11 मार्च को पाकिस्तान की ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाइजैक कर लिया। करीब 450 यात्रियों को क्वेटा से पेशावर ले जा रही इस स्ट्रेन के 120 यात्रियों को BLA ने बंधक बनाने की बात कही है। 9 कोच वाली ये ट्रेन जब पहरो कुनरी और गदालार के बीच एक टनल से गुजरी, तभी इसे हाइजैक कर लिया गया। बता दें कि जिल लोगों को बंधक बनाया गया है, उनमें पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (ATF) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट्स भी शामिल हैं। खबर लिखे जाने तक बलूच आर्मी के हमले में पाकिस्तान के 11 सैनिकों की मौत हो चुकी है। आखिर कौन हैं बलोच और पाकिस्तान सरकार से क्या चाहते हैं? जानते हैं विद्रोह के पीछे का असली सच?
26 जिलों से मिलकर बने पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान में ज्यादातर बलोच लोग रहते हैं। ये एक खानाबदोश, देहाती जातीय समूह है, जो बलूची भाषा बोलता है और साउथ-वेस्ट एशिया के बलूचिस्तान क्षेत्र का मूल निवासी है।
1947 में जब पाकिस्तान बना तो बलोच लोग उसके साथ नहीं जाना चाहते थे, बल्कि वो अपने लिए एक आजाद मुल्क की मांग कर रहे थे। हालांकि, उन्हें उनकी मर्जी के बिना पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया, जिसके बाद से बलोच लोग विद्रोह पर उतर आए। तब से लेकर अब तक पाकिस्तानी सेना और बलोचिस्तान के लोगों में लगातार संघर्ष चल रहा है।
बलोचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराने के मकसद से 70 के दशक में बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी का गठन हुआ। बलूच नेता मीर हबत खान मारी और उनके बेटे नवाब खैर बख्श मारी ने BLA की स्थापना की। पाकिस्तान का आरोप है कि BLA अलग देश को लेकर अक्सर सेना पर हमले और विद्रोह करता है। पाकिस्तान सरकार ने बलोच आंदोलन को दबाने के लिए कई बार सैन्य कार्रवाई भी की है।
बलूच लोगों को लगता है कि पाकिस्तान के साथ रहने पर उनकी अपनी संस्कृति, भाषा और पहचान खत्म होती जा रही है। इसके अलावा बलोचिस्तान में प्राकृतिक रूप से खनिज संपदा से भरपूर है, जिसका दोहन पाकिस्तान तो भरपूर करता है, लेकिन उसका फायदा बलोच लोगों को नहीं मिलता। इसके बलावा बलोचिस्तान में इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट की रफ्तार बेहद सुस्त है। सेना समय-समय पर बलोच लोगों पर जुल्म करती है, जिससे उनमें पाकिस्तान के प्रति गहरा असंतोष है।
बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन का मकसद सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों से लेकर राजनीतिक आजादी और बलूचिस्तान को एक अलग देश बनाने के लिए है। कहा जाता है कि ये आंदोलन मूल रूप से मार्क्सवादी-लेनिनवादी मुक्ति आंदोलनों से प्रेरित है।
पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सबसे अहम भूमिका महरंग बलूच निभा रही हैं। 2017 में महरंग के भाई का अपहरण कर लिया गया था, जिसके बाद वे इस आंदोलन में एक्टिव हुईं। 32 साल की महरंग बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर लगातार मुखर रही हैं। बलोच लोगों का तर्क है कि वे पाकिस्तान के बाकी हिस्सों की तुलना में आर्थिक रूप से हाशिए पर और गरीब हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।