बांग्लादेश ने भारत को लिखा लेटर, कहा-शेख हसीना को वापस करो, अरेस्ट वारंट जारी

Published : Dec 23, 2024, 05:31 PM ISTUpdated : Dec 23, 2024, 05:47 PM IST
Bangladesh Tribunal applied to Interpol for red alert to return Sheikh Hasina bsm

सार

अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उनकी वापसी की मांग की है। हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ है।

Sheikh Hasina asylum row: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में शरण लीं अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। बांग्लादेश सरकार ने भारत सरकार को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजकर आवामी लीग की 77 वर्षीय नेता को वापस भेजने की अपील की है। पूर्व पीएम शेख हसीना, देश छोड़ने के बाद 5 अगस्त से भारत में शरण ली हुई हैं। देश में उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद सेना द्वारा तख्तापलट करने के बाद वह बांग्लादेश छोड़कर भाग गई थीं।

इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने जारी किया अरेस्ट वारंट

16 साल से सत्ता पर काबिज शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। ढाका स्थित आईसीटी (ICT) ने हसीना के अलावा उनके मंत्रियों, सलाहकारों, पूर्व सैन्य और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ भी नामजद वारंट जारी किया है। इन लोगों पर मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार का आरोप लगाया गया है।

बांग्लादेश चाहता है हसीना का प्रत्यर्पण

अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा कि भारत सरकार को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजकर बताया गया है कि शेख हसीना के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया चल रही है इसलिए उनको वापस लाना चाहते हैं। उनके प्रत्यर्पण के बारे में विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा गया है। प्रक्रिया अभी चल रही है। बांग्लादेश सरकार की ओर से बताया गया है कि भारत-बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि है। इसके तहत पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है।

विदेश सचिव स्तर पर बातचीत के बाद बांग्लादेश ने भेजा संदेश

दरअसल, शेख हसीना की वापसी के लिए राजनयिक नोट बांग्लादेश ने बीते दिनों भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के दौरे के बाद भेजा है। विदेश सचिव मिस्री, बांग्लादेश में अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के अलावा वहां की अंतरिम सरकार के प्रमुख नोबल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की थी। मिस्री ने बांग्लोदश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों का मुद्दा भी उठाया था। मुख्य सलाहकार के ऑफिस ने बताया था कि शेख हसीना के भारत में रहने पर भी चर्चा की गई थी। मुहम्मद यूनुस ने तब कहा था कि हमारे लोग चिंतित हैं क्योंकि वह वहां से कई बयान दे रही हैं। इससे तनाव पैदा होता है।

हसीना ने लगाया था फासीवादी शासन का आरोप

उधर, विदेश सचिव के दौरे के पहले भारत में रह रहीं पूर्व पीएम शेख हसीना ने कहा था कि मुहम्मद यूनुस पर फासीवादी शासन चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुहम्मद यूनुस उस राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे मास्टरमाइंड थे जिसने उनके शासन को खत्म कर दिया। 5 अगस्त से अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों के पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। नए शासन के तहत जमात और आतंकवादियों को खुली छूट मिल रही है। बांग्लादेश अब एक फासीवादी शासन की गिरफ्त में है, जहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया है।

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