
ढाका। बांग्लादेश में देश विद्रोही आरोपों में गिरफ्तार कर जेल में डाले गए हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को एक महीने तक जेल में रहना पड़ सकता है। उन्हें कानूनी मदद नहीं मिल रही है। उनके वकीलों को धमकाया जा रहा है। दास के पिछले वकील के घर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था। वह अस्पताल की आईसीयू में भर्ती हैं।
इस्कॉन इंडिया ने सोमवार को बताया कि चिन्मय कृष्ण दास के वकील रामेन रॉय के घर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था। रॉय अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चिन्मय कृष्ण दास इस्कॉन के साधु थे। सितंबर में संगठन ने उनसे दूरी बना ली थी। देशद्रोह के आरोप में दास की गिरफ्तारी के खिलाफ इस्कॉन ने आवाज उठाई है। रॉय पर हमले और वकीलों को धमकियां देने का असर यह हुआ कि दास की पैरवी करने के लिए वकील नहीं मिल रहे हैं। मंगलवार को दास को चटगांव कोर्ट में पेश किया गया। उनकी ओर से कई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं था।
रॉय पर हुए हमले के बाद कोई वकील दास की जमानत दिलाने में कानूनी सहायता देने के लिए तैयार नहीं है। दास के मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को होगी। वह एक महीने तक जेल में रहेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चटगांव बार एसोसिएशन के मुस्लिम वकील लगातार हिंदू वकीलों को डरा-धमका रहे हैं।
चिन्मय कृष्ण दास चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष और बांग्लादेश सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता हैं। वह बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए रैलियां आयोजित कर रहे थे। दास को ढाका पुलिस की जासूसी शाखा ने एक महीने पहले दर्ज किए गए देशद्रोह के मामले में 25 नवंबर को ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। चटगांव के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने 26 नवंबर को दास की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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