बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर ममता बनर्जी (Mamata Bannerjee) ने बयान दिया था। बांग्लादेश की सरकार ने भारत से इसपर कड़ी आपत्ति जताई है।
ढाका। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Bannerjee) ने बांग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा (Bangladesh Violence) को लेकर बयान दिया था। बांग्लादेश ने भारत से इसपर कड़ी आपत्ति जताई है।
बांग्लादेश सरकार ने भारतीय उच्चायोग से कहा है कि ममता बनर्जी का बयान भड़काऊ था। उन्होंने बांग्लादेश के आंतरिक मामलों से संबंधित झूठी बातें की। सरकार देश में सामान्य स्थिति लाने की कोशिश कर रही है। इस बीच ममता ने छात्रों की मौत को लेकर भ्रामक बातें की हैं।
बांग्लादेश ने कहा कि ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को लेकर जो बातें कहीं वैसी स्थिति बांग्लादेश में नहीं है। इस तरह के बयान से विशेष रूप से लोगों को शरण देने के आश्वासन से स्थिति बिगड़ सकती है। आतंकवादियों और बदमाश इस तरह की घोषणा का फायदा उठाकर लोगों को उकसा सकते हैं।
ममता बनर्जी ने कहा था-बांग्लादेश के लोगों को दूंगी शरण
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी। पड़ोसी देश से संकट में फंसे लोगों को आश्रय देंगी। उन्होंने अपने बयान के पक्ष में शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया था।
ममता ने कोलकाता में अपनी पार्टी की "शहीद दिवस" रैली में कहा था, “मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को कहने की जरूरत है। मैं आपको यह बता सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे।”
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बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र
बांग्लादेश में हिंसा सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन और पुलिस द्वारा उसे दबाने की कोशिश के चलते हुई। हिंसा के चलते 32 लोगों के मारे जाने की खबर आई। 2,500 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
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