ढाका: देशभर में दुर्गा पूजा का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दुर्गा पूजा की धूम देखते ही बनती है। इसी तरह पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी हर साल दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती रही है। लेकिन कुछ महीने पहले हुई सरकार विरोधी मतोन्मादी हिंसा के बाद अब वहां के हिंदू समुदाय की दुर्गा पूजा पर भी इसका साया पड़ गया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने की बात तो जगजाहिर है।
यह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अब वहां के हिंदू समुदाय से अजान के समय और नमाज के दौरान दुर्गा पूजा की गतिविधियों को रोकने का आग्रह कर रही है। नमाज से पांच मिनट पहले और नमाज के दौरान किसी भी तरह के वाद्य यंत्र न बजाने का निर्देश दिया गया है।
गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एमडी जहांगीर आलम चौधरी ने कहा है कि नमाज के समय इस तरह के वाद्य यंत्र और ध्वनि विस्तारक यंत्र बंद कर देने चाहिए और अजान से पांच मिनट पहले ही इन सभी गतिविधियों को बंद कर देना चाहिए। दुर्गा पूजा हिंदू समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार है जो 9 दिनों तक चलता है।
हालांकि, बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार ने कहा है कि दुर्गा पूजा समितियों को अजान के समय इन संगीत वाद्ययंत्रों और ध्वनि विस्तारकों को बंद करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि समितियों ने भी इसके लिए सहमति दे दी है। इस साल पूरे बांग्लादेश में कुल 32,666 दुर्गा पूजा पंडाल स्थापित किए जाएंगे। ढाका के दक्षिण शहर में 157 और ढाका शहर क्षेत्र में 88 पंडाल बनाए जाएंगे। पिछले साल बांग्लादेश में 33,431 पूजा पंडाल बनाए गए थे। गृह मामलों के सलाहकार ने कहा कि इस साल यह संख्या और भी ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि हमने इन पूजा पंडालों को 24 घंटे सुरक्षा कैसे प्रदान की जाए, इस पर चर्चा की है।