चीन और अमेरिका के बीच बातचीत का सिलसिला फिर से शुरू होने के बाद चीन ने ताइवान को आंख दिखानी शुरू कर दी है। चाइना ने ताइवान पर मिलिट्री प्रेशर बढ़ा दिया है।
China Taiwan. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन की तरफ से 33 एयरक्राफ्ट, जिसमें सुखोई-30 जैसे फाइटर प्लेन भी शामिल हैं ताइवान की तरफ भेजे गए हैं। इसके अलावा 6 नौसेना के जहाजों ने द्विपीय देश ताइवान को घेर लिया है। यह तब हो रहा है कि चीन और अमेरिका के बीच काफी समय के बाद बातचीत का रास्ता खुला है। चाइनीज तैनाती ताइवान और चीन की गैर आधिकारिक सीमा के पास की गई है। इससे कुछ समय पहले ही चीन के मंत्री ने कहा था कि ताइवान की स्वतंत्रता चीन और अमेरिका दोनों के लिए कठिनाई पैदा करेगा।
क्या कह रहा है चीन
चाइनीज विदेश मंत्री ने अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलियन से बैंकॉक में मुलाकात की है। इससे पहले सैन फ्रांसिस्को में हुए एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कूपरेशन समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी प्रेसीडेंट जिनपिंग ने मुलाकात की थी। तब दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता खुला था। इस बीच चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका और चीन के संबंधों को अच्छी तरह से हैंडल करने की जरूरत है। चीन ने ताइवान को लेकर भी चिंता जाहिर की थी। लेकिन तो ताइवान को पूरी तरह से घेरने की तैयारी चीन ने की है।
चीन ताइवान विवाद क्या है
चीन के अधिपत्य में रहने वाला ताइवान अब लोकतांत्रिक देश बन चुका है, यही वजह है कि चीन इसे अपना दुश्मन समझता है। चाइना और ताइवान के बीच वैधानिक स्वतंत्रता का प्रश्न खड़ा हो गया है और चीन बार-बार ताइवान की स्वतंत्रता पर प्रश्न खड़े करता है। इस वजह से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनती है। हाल ही में चीनी फाइटर प्लेन ने ताइवान की सीमा में एंट्री की थी, जिस पर अमेरिका ने भी एतराज जताया था।
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