
America Saudi Arabia Defense Deal: अमेरिकी और सऊदी अरब के बीच अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा समझौता हुआ है। 142 बिलियन डॉलर (लगभग 11.8 लाख करोड़ रुपए) के इस सौदे से दोनों देश और करीब आएंगे। यह सौदा व्यापक $600 बिलियन निवेश पैकेज का हिस्सा है। इसमें रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), तकनीक और बुनियादी ढांचे में निवेश शामिल है। विदेशी मामलों के जानकार अभिषेक खरे से समझते हैं इस रक्षा समझौते के मायने...
1. रणनीतिक साझेदारी की मजबूती- यह सौदा अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक संबंधों को और गहरा करता है। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
2. सऊदी अरब की सैन्य क्षमताओं में वृद्धि- इस समझौते के तहत सऊदी अरब को एडवांस अमेरिकी रक्षा उपकरण और सेवाएं मिलेंगी। इससे उसकी सैन्य क्षमताएं मजबूत होंगी और क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार होगा।
3. अमेरिकी रक्षा उद्योग को बढ़ावा- इस सौदे से अमेरिकी रक्षा कंपनियों को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलेंगे। इससे अमेरिका में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
4. सऊदी अरब की आर्थिक विविधता- यह समझौता सऊदी अरब की 'विजन 2030' पहल के अनुरूप है। इसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता कम करके अर्थव्यवस्था को विविध बनाना है। इसमें AI, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सिस्टम्स में निवेश शामिल है।
5. क्षेत्रीय शक्ति संतुलन- इस रक्षा सौदे से सऊदी अरब की क्षेत्रीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे ईरान जैसी प्रतिस्पर्धी शक्तियों के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार, यह रक्षा समझौता न केवल अमेरिका और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलता है।
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