G-20 की सफलता से भौखलाया पाकिस्तान, बैठक में शामिल होने वाले देशों पर बिलावल भुट्टो ने निकाली भड़ास

Published : May 23, 2023, 02:08 PM ISTUpdated : May 23, 2023, 02:45 PM IST
bilawal bhutto

सार

G-20 की सफलता देख पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर में 'भारत की बर्बरता' पर आंख मूंद ली है।

G-20 Kashmir Meeting: कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। हालांकि, पड़ोसी देश पाकिस्तान ने लाख कोशिश की कि सदस्य देश कश्मीर में आयोजित बैठक में शामिल न हो, लेकिन हमेशा की तरह उसे इस बार भी मुंह की खानी पड़ी। अगर दो-चार देशों को छोड़ दिया जाए, तो लगभग सभी इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। इससे पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है।

पाकिस्तान अब बैठक में शामिल हो रहे देशों की आलोचना कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा , "अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर में 'भारत की बर्बरता' पर आंख मूंद ली है। शॉर्ट टर्म फायदे के लिए हमेशा से चले आ रहे सिद्धांतों का बलिदान करना बुद्धिमानी नहीं है।"

बिलावल भुट्टो ने निकाली भड़ास

बिलावल ने आगे कहा कि आज मैं दुनिया से पूछता हूं कि क्या किसी देश को संयुक्त राष्ट्र की अपनी प्रतिबद्धताओं से मुकरने की अनुमति दी जा सकती है? क्या किसी देश के लिए अपने ही वादों को तोड़ने और अंतरराष्ट्रीय कानून का खुलेआम उल्लंघन किया जा सकता है? पाकिस्तान के विदेश मंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने भारत को अंहकारी बताया और कहा कि हिंदुस्तान जी-20 अध्यक्ष के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहा है। यह वैश्विक मंच पर भारत के अहंकार का एक और प्रदर्शन है।

बिलावल भुट्टो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह अपील

बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे भारत से कश्मीर के विशेष दर्जे को फिर से बहाल करने की अपील करें। वहां गैर-कश्मीरियों को संपत्ति या घर खरीदने की अनुमति नहीं दे, कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकें और कश्मीर से सैना को वापस बुलाए। बता दें कि श्रीनगर में आयोजित G-20 की बैठक में 29 देशों के 61 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। हाालंकि, चीन और तुर्की ने बैठक से किनारा कर लिया है।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह राज्य में होने वाला पहला बड़ा ग्लोबल इवेंट है। इसके बैठक के जरिए भारत दुनिया को दिखाना चाहता है कि अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर में कितना विकास हुआ है।

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