बांग्लादेश में एक जर्नलिस्ट के मर्डर का मामला सामने आया है। ब्राह्मणबरिया शहर के फारुकी पार्क में सोमवार शाम चाकू से हमला कर एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। मृतक आशिकुल इस्लाम दैनिक मॉनिटर के जिला संवाददाता और स्थानीय दैनिक ब्राह्मणबरिया पत्रिका के स्वयं के संवाददाता थे।
ढाका. बांग्लादेश में एक जर्नलिस्ट के मर्डर का मामला सामने आया है। ब्राह्मणबरिया(Brahmanbaria) शहर के फारुकी पार्क में सोमवार शाम चाकू से हमला कर एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। मृतक आशिकुल इस्लाम दैनिक मॉनिटर के जिला संवाददाता और स्थानीय दैनिक ब्राह्मणबरिया पत्रिका के स्वयं के संवाददाता थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वह शाम करीब सात बजे पार्क से कार्यक्रम कर ऑटोरिक्शा से घर लौट रहे थे। घटनास्थल से कुछ दूर जाने के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने घात लगाकर हमला कर दिया। पढ़िए चौंकाने वाली रिपोर्ट...
पुलिस के अनुसार, हमले के बाद आशिकुल जमीन पर गिरे, तो हमलावर उसे चाकू मार कर फरार हो गए। बाद में जब स्थानीय लोग गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें सदर अस्पताल ले गए तो ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने घटना में शामिल होने के संदेह में रेहान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि आशिक की हत्या क्यों की गई।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स(Reporters Without Borders-RSF) द्वारा प्रकाशित एक एनालिसिस के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में दुनिया भर में लगभग 1,700 पत्रकार मारे गए हैं, जो औसतन 80 से अधिक है। पेरिस स्थित मीडिया राइट्स कैम्पेनर्स ने कहा कि 2003 और 2022 के बीच के दो दशक सूचना के अधिकार- right to inform की सेवा में लगे लोगों के लिए विशेष रूप से घातक दशक थे।
आरएसएफ के महासचिव क्रिस्टोफ डेलॉयर ने कहा, "आंकड़ों के पीछे उन लोगों के चेहरे, व्यक्तित्व, प्रतिभा और प्रतिबद्धता है, जिन्होंने अपनी जानकारी एकत्र करने, सच्चाई की खोज और पत्रकारिता के लिए अपने जुनून के लिए अपने जीवन का बलिदान किया है।"
आरएसएफ ने कहा कि एक पत्रकार के रूप में काम करने के लिए इराक और सीरिया सबसे खतरनाक देश थे। पिछले 20 वर्षों में मारे गए कुल 578 पत्रकार या दुनिया भर में कुल एक तिहाई से अधिकश यहीं के थे। उनके बाद मेक्सिको (125 मारे गए), फिलीपींस (107), पाकिस्तान (93), अफगानिस्तान (81) और सोमालिया (78) हैं। सबसे काला वर्ष 2012 और 2013 थे, सीरिया में बड़े स्तर पर युद्ध के कारण। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012 में 144 और उसके एक साल बाद 142 हत्याएं हुईं।
यूक्रेन में युद्ध के कारण 2022 में मौतें फिर से बढ़ गईं। 2021 में 51 पत्रकारों की तुलना में इस साल अब तक 58 पत्रकार अपना काम करते हुए मारे गए हैं। फरवरी में रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन में आठ पत्रकार मारे जा चुके हैं। यह पिछले 19 वर्षों में कुल 12 मीडिया मौतों की तुलना करता है। रूस के बाद मीडिया के लिए यूक्रेन वर्तमान में यूरोप का सबसे खतरनाक देश है, जहां पिछले 20 वर्षों में 25 पत्रकार मारे गए हैं।
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