Explainer: ब्राजील में आखिर क्यों हो रहे दंगे, कब और कहां हुआ पहला हमला..क्या है इसके पीछे वजह

पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के सैकड़ों समर्थकों ने रविवार को राजधानी ब्रासीलिया में पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में हमला कर दिया। बता दें कि ब्राजील में नए राष्ट्रपति के शपथ लेने के बाद ही दंगे भड़क गए हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, आइए जानते हैं। 

Ganesh Mishra | Published : Jan 9, 2023 8:36 AM IST / Updated: Jan 09 2023, 02:18 PM IST

Brazil Riots: ब्राजील के राजधानी ब्रासीलिया में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के सैकड़ों समर्थकों ने रविवार को पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर कांग्रेस, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में हमला कर दिया। ब्राजील में हुए इस हमले की पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी कड़ी निंदा की है। मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा- ब्रासीलिया में सरकारी संस्थानों पर हुए हमले और तोड़-फोड़ की खबरों से बहुत चिंतित हूं। सभी को लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। आखिर ब्राजील में क्यों भड़का दंगा, क्या है पूरा मामला? विस्तार से जानते हैं। 

ब्राजील में आखिर क्यों भड़का दंगा?
दरअसल, अक्टूबर 2022 में हुए प्रेसिडेंट इलेक्शन में लूला डा सिल्वा ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को करीब 21 लाख 39 हजार वोटों से हरा दिया। लेकिन ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने अपनी चुनावी हार को मानने से साफ इनकार कर दिया। बोल्सोनारो के समर्थक हाल ही में चुने गए नए राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा का विरोध कर रहे हैं। बोल्सोनारो को दक्षिणपंथी विचारधारा का नेता माना जाता है, जबकि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा वामपंथी धड़े के नेता हैं। ऐसे में बोल्सोनारो और उनके समर्थकों को ये बात कतई स्वीकार नहीं है कि कोई वामपंथी राष्ट्रपति बने। 

कब हुआ पहला हमला?
12 दिसंबर को लुला डि सिल्वा को अगला राष्ट्रपति चुनाव जीतने का सर्टिफिकेट दिया गया था। इसी दिन, बोल्सोनारो के समर्थकों ने राजधानी ब्रासीलिया के पुलिस हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया था। इसके बाद, 24 दिसंबर को एक शख्स को बम लगाने की साजिश में गिरफ्तार किया गया था। उसने कहा था कि बोल्सोनारो ने उसे हथियार इकट्ठा करने के लिए प्रेरित किया था।

अक्टूबर, 2022 में हुई बोल्सोनारो की हार : 
बता दें कि 31 अक्टूबर, 2022 को हुए चुनाव में ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को लुला डा सिल्वा ने हरा दिया। बाद में उन्होंने शपथ ली और उसके कुछ दिनों बाद ही बोल्सोनारो समर्थकों ने देश में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कहा तो ये भी जा रहा है कि बोल्सोनारो के समर्थकों ने सरकारी हथियार तक चुरा लिए हैं। वहीं, हिंसा फैलने के बाद बोल्सोनारो ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहिए और ये लोकतंत्र में हमारा अधिकार भी है। 

बेहद कड़े मुकाबले में हुई बोल्सोनारो की शिकस्त : 
लुला डि सिल्वा ने पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को बेहद कड़े मुकाबले में शिकस्त दी थी। लुला को 50.9% जबकि बोल्सोनारो को 49.2% वोट मिले हैं।  हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और उनके समर्थकों ने अपनी हार स्वीकार न करते हुए चुनाव परिणाम को ही मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने राजधानी ब्रासीलिया में तोड़फोड़ और दंगे शुरू कर दिए। 

कौन हैं लुला डि सिल्वा?
ब्राजील में वामपंथी गठबंधन के नेता लुइस इनासियो लुला डि सिल्वा का जन्म 27 अक्टूबर, 1945 को पेरनाम्बुको, ब्राजील में हुआ था। वे वर्कर्स पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में तीन बार असफल होने के बाद 2002 में उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद 1 जनवरी, 2003 को पहली बार राष्ट्रपति बने। बाद में लुला 2006 में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए और 1 जनवरी, 2011 तक उनका कार्यकाल रहा। तीसरी बार वे हाल ही में 31 अक्टूबर को राष्ट्रपति बने। 

कौन हैं बोल्सेनारो?
जेयर बोल्सोनारो ब्राजील के नेता होने के साथ ही रिटायर्ड मिलिट्री ऑफिसर भी हैं। अधिकारी हैं। वे 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2022 तक ब्राजील के राष्ट्रपति रहे। बोल्सोनारो का जन्म 21 मार्च, 1955 को साओ पाउलो के ग्लिसेरियो में हुआ था। उन्होंने 1977 में अगुलहास नेग्रस मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और ब्राजील सेना की फील्ड आर्टिलरी और पैराशूटिस्ट यूनिट में काम किया। 

अमेरिका के कैपिटल हिल में भी हुआ था ऐसा ही दंगा : 
बोल्सोनारो ने पहले ही ये कह दिया था कि अगर वो चुनाव हारे तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का रास्ता अपनाएंगे और किसी भी सूरत में नतीजों को नहीं मानेंगे। बता दें कि 2020 में जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की जो बाइडेन से हार हुई थी, तब भी इसी तरह का दंगा और तोड़फोड़ हुई थी। अमेरिका में 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर ट्रम्प के समर्थकों ने हमला कर दिया था। कैपिटल हिल दंगे में 140 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जवाबी फायरिंग में 5 से ज्यादा दंगाइयों की मौत हुई थी।

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