ऋषि सुनक से जुडे़ वह 4 विवाद जिनकी वजह से ब्रिटेन में हुई थी खूब आलोचना, जब कहा था-'नो वर्किंग क्लास फ्रेंड्स'

ब्रिटेन की सत्ता को संभालने जा रहे ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं। नए पीएम पद की रेस में पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन, ऋषि सुनक और पेनी मोर्डंट मैदान में थे। लेकिन बोरिस जॉनसन के पीछे हटने के बाद ऋषि सुनक की राह आसान हो गई। जबकि मैदान में अंत तक डंटी रहीं पेनी मोर्डंट सांसदों की जरूरी संख्या जुटाने में असफल रहीं। 

Britain new PM Rishi Sunak: भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनेंगे। सोमवार को सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुना गया। यूनाइटेड किंगडम का 17वां प्रधानमंत्री बनने जा रहे  ऋषि सुनक का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। उनके विवादित बयानों पर कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा है। हालांकि, प्रधानमंत्री बनने के बाद सुनक पर अब देश की अर्थव्यवस्था को सही तरीके से पटरी पर लाने का दारोमदार होगा।

जब सुनक ने 'नो वर्किंग क्लास फ्रेंड्स' की बात कहकर सबको चौका दिया

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यूनाइटेड किंगडम का पीएम बने ऋषि सुनक ने 2001 में एक डॉक्यूमेंट्री में कहा था कि उनके पास कोई वर्किंग क्लास फ्रेंड्स नहीं है। बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 'मिडिल क्लासेस: देयर राइज़ एंड स्प्रेल' में सुनक ने कहा था कि मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जो कुलीन हैं, मेरे पास उच्च वर्ग के दोस्त हैं। आप जानते हैं कि मेरे पास ऐसे दोस्त हैं मजदूर वर्ग से हैं। मजदूर वर्ग का दोस्त नहीं है। यह वीडियो क्लिप काफी वायरल हुई और देशभर में ऋषि सुनक की काफी आलोचना हुई थी।

पत्नी अक्षता मूर्ति के नागरिकता न लेने पर सवाल

पीएम बनने की दौड़ में जब ऋषि सुनक शामिल हुए थे तो उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति के यूके का डोमिसाइल न होने पर सवाल उठे थे। अक्षता पर आरोप लगे थे कि वह टैक्स बचाने के लिए यूके की नागरिकता नहीं ली हैं। अक्षता मूर्ति भारतीय कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। 

इस वर्ष यह कहा गया कि अक्षता मूर्ति ने अपनी नॉन-डोमिसाइल स्टेटस को बरकरार रखने के लिए हर साल 30 हजार पाउंड का भुगतान किया है। इससे वह फॉरेन इनकम पर यूके के टैक्स कानूनों के लिए जवाबदेह नहीं हुईं। ऐसा उन्होंने यूके में टैक्स न देना पड़े इसके लिए किया। आरोप लगे कि देश जब आर्थिक संकट से गुजर रहा है तो पीएम पद की दौड़ में शामिल सुनक दंपत्ति ने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार किया। हालांकि, सार्वजनिक आक्रोश को देखते हुए अक्षता मूर्ति ने अपना नॉन-डोमिसाइल स्टेटस छोड़ दीं।

रूसी 'ब्लड मनी'

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटिश कंपनियों से रूस में निवेश बंद करने व किसी प्रकार का व्यवसाय न करने की अपील की थी। सुनक ने शेल और बीपी जैसी कंपनियों की प्रशंसा भी की थी जिन्होंने रूस से निकलने का फैसला किया था। हालांकि, सुनक की अपील के बाद उनकी आलोचना भी हुई थी। यह इसलिए क्योंकि अक्षता मूर्ति के पिता की कंपनी इंफोसिस जिसकी वह स्वयं शेयर होल्डर भी हैं, ने रूस में निवेश या व्यवसाय बंद करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अक्षता मूर्ति पर इंफोसिस से लाभांश में ब्लड मनी इकट्ठा करने का आरोप लगा था। यूक्रेनी सांसद लेसिया वासिलेंको ने कहा था कि हर कंपनी के पास बनाने का विकल्प होता है, आप हमेशा की तरह व्यवसाय चला सकते हैं और अपना पैसा कमा सकते हैं, लेकिन आपको इस तथ्य के साथ रहना होगा कि यह खूनी पैसा है और खूनी व्यापार है।

ब्रेड विवाद

एक मीडिया प्रोग्राम में ऋषि सुनक ने यूके में ब्रेड की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने महंगाई पर चिंता जताते हुए कहा था कि हमारे घर में अलग-अलग तरह के ब्रेड हैं। मैं, मेरी पत्नी और मेरे बच्चों के बीच एक तरह का हेल्थीनेस है लेकिन मुझे महंगाई को लेकर चिंता है। रोटी के लिए संघर्ष करने की बात को लेकर सुनक की आलोचना भी हुई थी। एक नेता जिम मैकमोहन ने कहा था कि हो सकता है कि अगर कुलाधिपति इतने सारे परिवारों की तरह एक रोटी का खर्च उठाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो उन्होंने कल परिवारों को समर्थन की पेशकश की होगी। मैकमोहन ने कहा कि उनको अभी भी महंगाई को लेकर अंदाजा नहीं है क्योंकि जिस मुद्दे पर वह बात कर रहे हैं उसका हल भी उनके पास होना चाहिए। क्योंकि उस मंत्रालय को वही लीड करते हैं।

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