रूस से तेल आयात को लेकर बंटा ईयू: ब्रिटेन ने लिया इस शर्त को पूरा करते ही प्रतिबंध हटाने का निर्णय

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर दबाव बनाने के लिए ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए। हालांकि, इन प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला जारी रखा है और लगातार मिसाइल से टारगेट किए हुए है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2022 12:35 AM IST

लंदन। ब्रिटेन ने रूसी सेना के यूक्रेन से हटाने की स्थिति पर बड़ा ऐलान किया है। ब्रिटेन सरकार ने रूस से प्रतिबंध हटाने को कई शर्तें लागू की है। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज़ ट्रस का कहना है कि यदि रूस यूक्रेन से हटता है और आक्रामकता को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, तो रूसी व्यक्तियों और कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए जा सकते हैं। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूसी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए प्रतिबंध लगाए हैं। 

यूक्रेन को लेकर रूस का तर्क

Latest Videos

ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी राष्ट्र रूसी अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों को लागू किए हैं। यूक्रेन पर हमला करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दंडित करने के लिए लगाए गए इन प्रतिबंधों को लगातार बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, रूस ने हमले को यूक्रेन के विसैन्यीकरण करने के लिए एक विशेष सैन्य अभियान बता रहा हैं।

हम कर सकत हैं समाप्त प्रतिबंध

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ट्रस ने कहा कि हम जो जानते हैं वह यह है कि रूस ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनका वे पालन नहीं करते हैं। इसलिए कठोर उपाय की जरूरत है। बेशक, प्रतिबंध एक कठिन उपाय हैं। उन प्रतिबंधों को केवल पूर्ण युद्धविराम और वापसी के साथ ही समाप्त किया जाना चाहिए, लेकिन यह प्रतिबद्धता भी है कि आगे कोई आक्रमण नहीं होगा। और साथ ही, भविष्य में और आक्रामकता होने पर स्नैपबैक प्रतिबंध लगाने का अवसर है। 

500 बिलियन पाउंड से अधिक का प्रतिबंध

ब्रिटिश सरकार का कहना है कि उसने अब तक 500 बिलियन पाउंड (658.65 बिलियन डॉलर) की कुल संपत्ति वाले बैंकों और 150 बिलियन पाउंड से अधिक की कुल संपत्ति वाले कुलीन वर्ग और परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

संकट ने ब्रिटेन और ईयू को साथ लाया

ट्रस ने यह भी सुझाव दिया कि संकट ने ब्रिटेन और यूरोपीय संघ को करीब ला दिया था क्योंकि ब्रेक्सिट के मद्देनजर संबंध बुरी तरह से तनावपूर्ण हो गए थे। इस संकट के बारे में मैं जो एक बिंदु रखूंगी, वह यह है कि हमने यूरोपीय संघ के साथ बहुत निकटता से काम किया है।

उन्होंने कहा कि बेशक, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनके साथ हमारे यूरोपीय संघ के साथ मतभेद हैं। लेकिन मूल रूप से, हम सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं, हम सभी स्वतंत्रता और लोगों के अपनी सरकारें चुनने के अधिकार में विश्वास करते हैं और हम लड़ाई में बहुत एकजुट हैं ।

यह भी पढ़ें:

फिनलैंड सबसे खुशहाल देश, अफगानिस्तान-लेबनान इस वजह से सबसे नाखुश लोगों का देश

रूस की ये कैसी नैतिकता: महिलाओं और बच्चों पर सैनिकों ने बरसाई गोलियां, बच्चा समेत सात महिलाओं की मौत

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts