लेबनान में कैश की भारी किल्लत, सरकार ने पेट्रोल, दवाओं से सब्सिडी हटाई तो राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी

Published : Nov 26, 2021, 04:34 PM IST
लेबनान में कैश की भारी किल्लत, सरकार ने पेट्रोल, दवाओं से सब्सिडी हटाई तो राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी

सार

लेबनान (Lebanon) में अर्थव्यवस्था (Economy) पटरी से उतर गई है। यहां के हालात वेनेजुएला जैसे हो रहे हैं। देश की मुद्रा 25,100 अमेरिकी डॉलर (USD) तक गिर गई है। यहां प्रदर्शन (Protest)हो रहे हैं। 

बेरूत। लेबनान (Lebanon) में बिगड़ती अर्थव्यवस्था (Economy) और राजनीतिक गतिरोध के बीच देश की मुद्रा ‘लेबनानी पाउंड' नए निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शुक्रवार तड़के बेरूत में एक मंत्रालय (Ministry) की इमारत (Building) में घुसकर तोड़फोड़ की और एक मुख्य कमरे से राष्ट्रपति की तस्वीर हटा दी। सामाजिक मामलों के मंत्रालय में प्रवेश करने वाले लगभग एक दर्जन प्रदर्शनकारियों (Protester) ने कहा कि पाउंड (Pound) में लगातार गिरावट के कारण संकटग्रस्त देश में अर्थव्यवस्था (Economy)की स्थिति और बिगड़ गई है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाउंड गिरकर 25,100 तक पहुंच गया है। इससे पहले यह 25,000 तक का था। 
देश में हाल के हफ्तों में कीमतों में भारी वृद्धि (Price hike) हुई है, क्योंकि सरकार ने ईंधन और कुछ दवाओं पर सब्सिडी (Subsidy) हटा ली है, जिससे ये चीजें लेबनान (Lebnon)में अनेक लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। लेबनान में एक लाख सीरियाई शरणार्थियों सहित 60 लाख की आबादी में से लगभग तीन चौथाई लोग अब गरीबी में जी रहे हैं। देश में न्यूनतम मासिक वेतन अब लगभग 27 डॉलर है। 

प्रदर्शनकारी बोले- जिन्होंने पैसा हड़पा, वे सुधार नहीं कर सकते 
प्रदर्शनकारी मंत्रालय के बैठक कक्ष में घुस गए और राष्ट्रपति मिशेल औन की एक तस्वीर को हटाने से पहले उसे उल्टा कर दिया। उन्होंने राष्ट्रपति की तस्वीर की जगह अरबी में लिखा एक बैनर लगा दिया, जिस पर लिखा था, ‘17 अक्टूबर के क्रांतिकारी।' प्रदर्शनकारी देश के शासक वर्ग के खिलाफ 17 अक्टूबर, 2019 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू होने का जिक्र कर रहे थे। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इमारत से बाहर निकलने से पहले एक प्रदर्शनकारी ने चिल्लाते हुए कहा-जिन लोगों ने जनता का पैसा हड़प लिया, वे सुधार नहीं कर सकते। कोरोना वायरस (Coronavirus) और चार अगस्त, 2020 के बंदरगाह विस्फोट ने संकट को और भी गहरा बना दिया है। इस विस्फोट में 216 लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे और राजधानी का कुछ हिस्सा नष्ट हो गया था। देश के एक कैबिनेट मंत्री की टिप्पणियों से तेल-सम्पन्न खाड़ी देशों के साथ लेबनान का राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। देश के अन्य हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय बैंकों की कुछ शाखाओं के बाहर लेबनानी पाउंड को नष्ट करने वाले माफिया लिखे पोस्टर लगा दिए। 

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