बांग्लादेश चीफ जस्टिस का इस्तीफा: कुर्सी से खींचकर उतारने का दिया था अल्टीमेटम

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी छात्र आंदोलन जारी है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी माने जाते थे।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 10, 2024 10:19 AM IST / Updated: Aug 12 2024, 11:50 AM IST

Bangladesh Political crisis: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भी स्थितियां अभी सामान्य नहीं हो सकी हैं। शनिवार को भारी संख्या में छात्र आंदोलनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर को घेरकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस्तीफा का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया है। बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को पदच्युत पीएम शेख हसीना का खास माना जाता है। बीते दिनों हसीना सरकार के खिलाफ छात्रों के उग्र आंदोलन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ देश छोड़ दी थीं। हसीना को भी पद छोड़ने के लिए आंदोलनकारी स्टूडेंट्स और सेना ने अल्टीमेटम दिया था।

छात्रों के आगे इस्तीफा को मजबूर हुए मुख्य न्यायाधीश

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बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के इस्तीफा की मांग को लेकर शनिवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर को घेर लिया। शेख हसीना के इस्तीफा और देश छोड़ने के बाद चीफ जस्टिस पर साजिश रचने और देश की सत्ता को हथियाने के प्रयास का आरोप है। दरअसल, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजनों के सभी जजों के साथ फुल कोर्ट की मीटिंग बुलाई थी। आंदोलनकारियों ने न्यायापालिका तख्तापलट के रूप में देखा। इसके बाद छात्रों ने उच्चतम न्यायालय की घेराबंदी का ऐलान किया। छात्रों के ऐलान के बाद मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने मीटिंग स्थगित कर दी। लेकिन छात्रों ने उनको पद छोड़ने का अल्टीमेटम दिया। इस अल्टीमेटम के बाद उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात कर इस्तीफा दे दिया।

शेख हसीना ने नियुक्त किया था

बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने नियुक्त किया था। पिछले साल उनको नियुक्त किया गया। वह हसीना के खास माने जाते हैं।

हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 450 से अधिक मारे गए

शेख हसीना सरकार के खिलाफ देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों में 450 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मरने वालों में दर्जनों पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। कोटा आंदोलन और बाद में हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन के हिंसात्मक होने के बाद बढ़े दबाव में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आंदोलनकारियों के प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोलने के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था।

हसीना के देश छोड़ने के बाद आर्मी चीफ ने कमान संभालते हुए अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया। इसके बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। देश की अंतरिम सरकार के नए प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के बाद शांति की अपील की है। हालांकि, अभी भी बांग्लादेश की स्थितियां पटरी पर नहीं आ सकी हैं। देश की पुलिस अपनी सुरक्षा सुनिश्चित होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

शेख हसीना नई दिल्ली में शरण ली हैं लेकिन अभी वह कहां जाएंगी यह साफ नहीं है। वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ हिंसा भी बड़ा इशू बना हुआ है। हालांकि, मुहम्मद यूनुस ने धार्मिक एकता की अपील की है लेकिन स्थितियां शांत होने में समय लग सकती है।

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