असांधा कंपनी ने बयान जारी करके कहा है कि बीते 18 जनवरी को जीए विलिंगिली से इमरजेंसी मेडिकल निकासी में देरी की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई है। मालदीव प्रशासन ने भारतीय डोनियर को परमिशन देने में देरी की।
India-Maldives. मालदीव एडमिन द्वारा भारतीय डोनियर विमान को परमिशन देने में देरी की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई है। असांधा कंपनी ने बयान जारी करके कहा है कि बीते 18 जनवरी को जीए विलिंगिली से इमरजेंसी मेडिकल निकासी में देरी की वजह से एक बच्चे की मौत हो गई है। मालदीव प्रशासन ने भारतीय डोनियर को परमिशन देने में देरी की।
मालदीव के एमपी ने जताया दुख
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव के एमपी मीकैल नसीम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि मालदीव के राष्ट्रपति के अहम को संतुष्ट करने में आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले पर असांधा कंपनी ने भी मृतक के परिवार के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया है। कहा कि हमारी संवेदना परिवार के साथ और उन्हें अल्लाह इस दुख की घड़ी से बाहर निकलने में मदद करें।
क्या था पूरा मामला
जानकारी के अनुसार 18 जनवरी 2024 को असांधा कंपनी को इमरजेंसी मेडिकल इवैकुएश की कॉल मिली। सुबहर करीब 5.03 बजे यह कॉल रिसीव की गई और पेशेंट को जीए विलिंगिली के एटॉल हॉस्पिटल से निकालकर इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचाना था। सामान्य तौर पर मेडिकल इमरजेंसी के वक्त 12 मिनट में सारा प्रोसेस हो जाता है। कंपनी के स्टाफ ने हॉस्पिटल से एप्रूवल के लिए कहा और फ्लाइट में सीट उपलब्धता की जांच की जाने लगी लेकिन इसमें देरी की वजह से बच्चे की मौत हो गई।
क्या है भारत मालदीव का विवाद
भारत और मालदीव के वक्त रिश्तों में उस वक्त खटास आ गई जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लक्षद्वीप दौरे पर वहां की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। पीएम मोदी ने लोगों से मालदीव में पर्यटन के लिए आने की अपील की, जिससे मालदीव चिढ़ गया और कुछ मंत्रियों ने भारतीय पीएम और यहां के लोगों पर अभद्र टिप्पणी की। इसके जवाब में भारत के हजारों लोगों ने मालदीव का दौर कैंसिल कर दिया।
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