चीन ने फिर भारत को उकसाया: अरुणाचल प्रदेश के 30 जगहों का नाम बदल कर लिस्ट जारी किया, भारतीय राज्य पर करता रहा है दावा

चीन के आधिकारिक अखबार ग्लोबल टाइम्स में बताया गया है कि जंगनान के 30 लोकेशन्स के नए नाम पहली मई से प्रभावी हो जाएंगे। चीन, पूर्व में भी अरुणाचल के विभिन्न क्षेत्रों का नामकरण करता रहा है जिसे भारत कड़ी आपत्ति जताता रहा है।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 1, 2024 10:40 AM IST / Updated: Apr 01 2024, 04:51 PM IST

China again claimed Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश को एक बार फिर चीन ने अपना हिस्सा बताया है। भारतीय राज्य को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताते हुए चीन ने यहां के 30 जगहों का नया नामकरण किया है। चीन, अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता रहा है। चीन के आधिकारिक अखबार ग्लोबल टाइम्स में बताया गया है कि जंगनान के 30 लोकेशन्स के नए नाम पहली मई से प्रभावी हो जाएंगे। चीन, पूर्व में भी अरुणाचल के विभिन्न क्षेत्रों का नामकरण करता रहा है जिसे भारत कड़ी आपत्ति जताता रहा है। एक बार फिर ड्रैगन ने भारत को उकसाने की कोशिश की है।

दरअसल, चीन ने जंगनान के विभिन्न जगहों का नया नामकरण करते हुए 30 जगहों की सूची को प्रकाशित किया है। जंगनान यानी अरुणाचल प्रदेश। भारत के अभिन्न राज्य अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन लगातार अपने दावे करता रहा है। एक बार फिर उसने भारतीय राज्य पर अपना दावा कर उकसाने की कोशिशक की है। चीनी सरकारी ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ज़ंगनान के 30 जगहों का नामकरण किया गया है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट की गई सूची 1 मई से लागू होने वाली है।

चीन पहले भी ऐसा कर चुका...

चीन ने पहले अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जगहों के लिए नाम बदलने की सूचियां जारी कर चुका है। पहली सूची चीन ने 2017 में जारी की थी। इसमें उसने छह जगहों को नया नाम देते हुए राज्य पर अपना दावा करने की असफल कोशिश की थी। इसके बाद चीन ने 2021 में 15 जगहों के नाम बदलने के साथ एक लिस्ट जारी की थी। तीसरी बार ड्रैगन ने 2023 में 11 जगहों का नाम बदलते हुए एक लिस्ट जारी की थी। अब चीन ने 30 नामों वाली एक चौथी लिस्ट जारी की है।

अरुणाचल प्रदेश में चीन और भारत के बीच काफी दिनों से तनाव बना हुआ है। पिछले कुछ सालों में कई बार दोनों तरफ से तनातनी हो चुकी है। हालांकि, चीन के इस दावों को भारत लगातार खारिज करता रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 23 मार्च को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) में एक व्याख्यान के दौरान चीन के दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।

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