बातचीत की आड़ में चीन की चालबाजी, बैठक के 2 दिन बाद भारतीय इलाके की निगरानी करते दिखे हेलिकॉप्टर

पिछले 1 महीने से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद को बातचीत से हल करने के लिए 6 जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक हुई थी। लेकिन इस बैठक के दो दिन बाद यानी सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन के हेलिकॉप्टर नजर आए। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 8, 2020 12:18 PM IST / Updated: Jun 08 2020, 08:47 PM IST

लद्दाख. पिछले 1 महीने से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद को बातचीत से हल करने के लिए 6 जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक हुई थी। लेकिन इस बैठक के दो दिन बाद यानी सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन के हेलिकॉप्टर नजर आए।  

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, पिछले 7-8 दिन से चीन की सेना ने एलएसी के पास गतिविधियां बढ़ाई हैं। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर लगातार उड़ान भर रहे हैं। ये भारतीय क्षेत्र की निगरानी करते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा इन हेलिकॉप्टरों से एलएसी के पास तैनात सैनिकों को मदद पहुंचाई जा रही है। 

Latest Videos

सीमा विवाद को बातचीत से सुलझाना चाहते हैं- भारत में चीन के राजदूत
इसी बीच सोमवार शाम भारत में चीन के राजदूत सुन विदोंग ने कहा, चीन और भारत दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने को तैयार हुए हैं और मतभेद को झगड़े में ना बदलने को तैयार हैं। दोनों देश सीमाई इलाकों में अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए शांति और सौहार्द के लिए काम करने को सहमत हैं। 

उन्होंने कहा, चीनी और भारतीय सेना के अधिकारियों की बैठक में 6 जून को बॉर्डर के मुद्दे पर चर्चा हुई। चीन और भारत बॉर्डर का मुद्दा सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य माध्यमों से करीबी संपर्क में रहे हैं। 

भारत ने भेजे थे फाइटर जेट
इससे पहले भी चीन के विमान लगातार निगरानी कर रहे हैं। मई की शुरुआत में चीन की गतिविधियां बढ़ाई थीं। उस वक्त भारतीय वायुसेना के विमानों ने उड़ान भरी थी। इसके बाद चीनी विमान अपने क्षेत्र में चले गए थे। 

चीन ने किया युद्धाभ्यास 
चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने चीन के हुबेई प्रांत में चीन ने उत्तर पश्चिमी इलाके में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों के साथ युद्धाभ्यास किया है। इस दौरान भारत की सीमा के करीब तेजी से भारी हथियारों को ना केवल तैनात किया गया है, बल्कि तैयारियों को परखा भी गया है। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही घंटों में पूरी की गई। इसमें सैनिकों ने अभ्यास किया कि किस तरह से सीमा पर जरूरत पड़ने पर कैसे सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है।

1 जून को तिब्बत में किया था युद्धाभ्यास
इससे पहले चीन की सेना ने 1 जून को तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात को युद्धाभ्यास किया था। चीन की आर्मी ने अपनी सेना को मुश्किल हालातों का सामना करने के लिए 4700 मीटर की ऊंचाई पर भेजा था। इससे उनकी क्षमताओं का परीक्षण किया जा सके।

अंधेरे में हुआ था युद्धाभ्यास
चीन ने यह युद्धाभ्यास अंधेरे में किया था। ड्रोन और सैटेलाइट की नजर से बचने के लिए ये पूरा यद्धाभ्यास वाहनों की लाइटें बंद कर किया गया था। इस युद्धाभ्यास में नाइट विजन डिवाइस का इस्तेमाल किया गया। स्नाइपर यूनिट और कॉम्बैट टेस्ट भी किए गए थे।

क्या है विवाद?
चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा बनाए रखा है। यह क्षेत्र 1962 के युद्ध का भी प्रमुख कारण था। जमीनी स्तर की कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। सेना को स्टैंडिंग ऑर्डर्स का पालन करने को कहा गया है। इसका मतलब है कि सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)से घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।

बता दें कि भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। ये सीमा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। ये तीन सेक्टरों में बंटी हुई है। पश्चिमी सेक्टर यानी जम्मू-कश्मीर, मिडिल सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड और पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।

Share this article
click me!

Latest Videos

तिरुपति लड्डू का भगवान वेंकटेश से कनेक्शन, क्यों 300 साल पुरानी परंपरा पर उठ रहे सवाल?
'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
जम्मू के कटरा में PM Modi ने भरी हुंकार, शाही परिवार को धो डाला
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
अमेरिका में किया वादा निभाने हरियाणा के करनाल पहुंचे राहुल गांधी | Haryana Election