China Victory Day Parade: कौन-से 25 देश बने चीन की विक्ट्री परेड के गवाह, क्या-क्या दिखाई ताकत?

Published : Sep 03, 2025, 11:58 AM ISTUpdated : Sep 03, 2025, 01:30 PM IST
China victory day parade 2025

सार

सेकेंड वर्ल्ड वॉर के 80 साल पूरे होने के अवसर पर चीन ने विक्ट्री डे परेड आयोजित की। इस दौरान उसने ज्यादातर उन देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया, जो अमेरिका के दुश्मन माने जाते हैं। जिनपिंग ने अपनी मिलिट्री पावर दिखाकर ट्रंप को सख्त संदेश दिया। 

China Victory Day: द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के 80 साल पूरे होने के मौके पर चीन ने बुधवार 3 सितंबर को विक्ट्री डे परेड सेलिब्रेट की। इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने थियानमेन चौक से कहा, चीन किसी की धमकियों से डरने वाला देश नहीं है। जिनपिंग के भाषण के फौरन बाद चीन की आर्मी (PLA) ने फाइटर जेट, हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोन का प्रदर्शन करते हुए अपनी सैन्य ताकत दिखाई। इस विक्ट्री डे परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन समेत 25 देशों के नेता शामिल हुए। आइए जानते हैं उनके नाम और चीन ने इस परेड में अपने किन हथियारों की ताकत दिखाई।

चीन की विक्ट्री डे परेड में शामिल हुए इन 25 देशों के नेता

चीन की विक्ट्री डे परेड में जिन देशों के नेता शामिल हुए, उनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना, बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको, स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको, सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुचिच, अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान, अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहम अलियेव, कम्बोडिया के किंग नोरोडोम सिहामोनी, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, कजाखिस्तान के राष्ट्रपति कासेम जोमार्ट तोकायेव, किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सदिर जपारोव, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गैन किम योंग, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सरदार बर्दीमुहम्मदोव, वियतनाम के राष्ट्रपति लुओंग कुओंग, ब्रुनेई के आर्म्ड फोर्सेस कमांडर हसजैमी बोल हसन, बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विदेश मंत्री बॉब कार और म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलाइंग शामिल रहे।

चीनी सेना ने क्या-क्या ताकत दिखाई?

  • चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के कई विमान इस विक्ट्री परेड में शामिल हुए। 45 सैनिक टुकड़ियां तियानमेन स्क्वायर पर उतरीं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को सलामी दी।
  • PLA के चॉपर्स ने आसमान में चीन का का झंडा लहराया। ये विमान 80 का शेप बनाकर उड़ते दिखे। इसके अलावा PLA ने पहली बार अपने हाई-प्रोफाइल अत्याधुनिक हथियारों का भी प्रदर्शन किया और अमेरिका समेत दुनिया को संदेश दिया कि उसकी सेना क्यों दुनिया की सबसे ताकतवर आर्मी में शामिल की जाती है।
  • विक्ट्री परेड के दौरान चीन ने हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल और JL-3 पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, DF-5C न्यूक्लियर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के एडवांस वर्जन की भी ताकत दिखाई।
  • इसके अलावा चीन ने लंबी दूरी की परमाणु क्षमता वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों को भी परेड में शामिल किया।
  • चीन ने अपने खतरनाक ड्रोन हथियारों का भी प्रदर्शन किया। परेड में 100 से ज्यादा हथियार, 100 से अधिक सैन्य विमान और सेना की 45 से ज्यादा टुकड़ियां शामिल हुईं। परेड में चीन की नेवी के अलावा महिला सैनिकों का दस्ता भी शामिल हुआ।

क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया संदेश?

चीन ने विक्ट्री परेड पर अपनी सैन्य ताकत और 25 से ज्यादा देशों के राष्ट्र प्रमुखों के साथ एकजुटता दिखाकर कहीं न कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़े शब्दों में संदेश देने की कोशिश की है। खास बात ये है कि इस परेड में उन देशों के नेता भी शामिल हुए, जो अमेरिका के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं।

ये भी पढ़ें : चीन ने निकाली बड़ी सैन्य परेड, जिनपिंग पर बरसे ट्रंप

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