Lithuania से खफा China बोला: America को खुश करना भारी पड़ेगा, दुनिया से करवा देंगे अलग-थलग

लिथुआनिया ने अपने देश में ताइवान नाम से ऑफिस खोलने की इजाजत दे दी है। लिथुआनिया ने 18 नवम्बर को इस ऑफिस की इजाजत दी थी। जबकि चीन चाहता है कि लिथुआनिया ताइवान द्वीप को ताइपे नाम से दूतावास खोलने की इजाजत दे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 26, 2021 2:26 PM IST

बीजिंग। लिथुआनिया (Lithuania) का ताइवान (Taiwan) के साथ बढ़ाए जा रहे संबंध से खफा चीन (China) ने राजदूत स्तर के संबंध तो तोड़ ही दिए थे अब उसे दुनिया से अलग-थलग करने और परिणाम भुगतने की धमकी दे रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि चीन ने लिथुआनिया में अपने राजनयिक मिशन को ऑफिस ऑफ द चार्ज डी एफेयर में बदल दिया है और लिथुआनिया से चीन में अपने राजनयिक मिशन का नाम बदलने की अपील की है। चीन ने लिथुआनिया में चीनी दूतावास ने कांसुलर ऑपरेशन सेवाओं को भी सस्पेंड कर दिया है।

चीन ने कहा-यह वैध जवाबी कार्रवाई

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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि चीन की संप्रभुता को कम करने के लिए लिथुआनिया के खिलाफ एक वैध जवाबी कदम है और इसके लिए पूरी तरह से लिथुआनिया जिम्मेदार है। उन्होंने कहा है कि चीनी लोगों को धमकाया नहीं जा सकता और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है। साथ ही पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है।

क्यों भड़का हुआ है चीन

दरअसल, लिथुआनिया ने अपने देश में ताइवान नाम से ऑफिस खोलने की इजाजत दे दी है। जबकि चीन चाहता है कि लिथुआनिया ताइवान द्वीप को ताइपे नाम से दूतावास खोलने की इजाजत दे। लिथुआनिया ने 18 नवम्बर को इस ऑफिस की इजाजत दी थी। इसी वजह से चीन भड़का हुआ है।

लिथुआनिया के इस कदम पर चीन ने घसीटा अमेरिका को

चीन ने लिथुआनिया के इस कदम को अमेरिका को खुश करने के लिए उठाया गया कदम बताया है। चीनी मीडिया में छपी खबरों में लिथुआनिया के इस कदम को मूर्खतापूर्ण कदम बताते हुए यह बताया गया है कि चीन की खिलाफत करने से बाल्टिक राज्य अलग-थलग पड़ जाएगा। चीनी एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि अमेरिका को खुश करने के लिए लिथुआनिया का यह कदम राष्ट्रीय हितों को जोखिम में डालने की तरह है। 

चीन ने लिथुआनिया का राजदूत निकाल दिया

चीन ने अगस्त में भी बीजिंग में लिथुआनिया के राजदूत को देश लौटा दिया था और अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। यह तब हुआ था कब ताइवान ने कहा था कि लिथुआनिया में उसके ऑफिस को ताइवानी प्रतिनिधि कार्यालय कहा जाएगा। ताइवान के सिर्फ 15 देशों के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं।

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