एक राष्ट्रीय सम्मेलन में जिंग ने कहा ‘‘चीन सरकार ने पूर्ववर्ती एफएटीए में 58 स्कूलों और खैबर पख्तूनख्वा में 30 अस्पतालों के निर्माण की मंजूरी दी है। हमारे पूर्वज उस हिस्से में रहते थे जो हिस्सा अब पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इन इलाकों का विकास हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।’’
पेशावर: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कबायली क्षेत्र में चीन 58 स्कूल और 30 अस्पतालों का निर्माण करेगा। चीन के राजदूत याओ जिंग ने बताया, ‘‘खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पिछड़े इलाकों का विकास करना चीन सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।’’
‘‘फ्रैंड्स ऑफ सिल्क रोड’’ पर शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में जिंग ने कहा ‘‘चीन सरकार ने पूर्ववर्ती एफएटीए में 58 स्कूलों और खैबर पख्तूनख्वा में 30 अस्पतालों के निर्माण की मंजूरी दी है। हमारे पूर्वज उस हिस्से में रहते थे जो हिस्सा अब पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों के तौर पर जाना जाता है। इसलिए इन इलाकों का विकास हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।’’
एफएटीए में सात कबायली जिले और छह सीमाई क्षेत्र आते हैं। 2017 में एफएटीए को खैबर पख्तूनख्वा में मिला दिया गया था।
इन जगहों को रेल संपर्क के माध्यम से जोड़ने की योजना
जिंग ने कहा ‘‘क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जरूरत है ताकि चीनी कंपनियां क्वेटा, चमन को ग्वादर से और पेशावर को काबुल तथा कजाखस्तान से रेल संपर्क के माध्यम से जोड़ सकें।’’ याओ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन 10 कृषि परियोजनाओं पर साथ काम कर रहे हैं। याओ ने उच्च शिक्षण संस्थानों से देश भर में 10 कृषि परियोजनाएं स्थापित करने के लिए योजना आयोग और पाकिस्तान कृषि अनुसंधान परिषद (पीएआरसी) के माध्यम से प्रस्ताव लाने का अनुरोध भी किया।
उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा 60 अरब डॉलर की लागत से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।