कोरोना छीन सकता है इमरान खान के हाथ से सत्ता, पाक प्रधानमंत्री के पास सिर्फ जून तक का समय

Published : Apr 10, 2020, 01:13 PM ISTUpdated : Apr 10, 2020, 01:20 PM IST
कोरोना छीन सकता है इमरान खान के हाथ से सत्ता, पाक प्रधानमंत्री के पास सिर्फ जून तक का समय

सार

दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए कहर बन कर टूट सकता है। यहां तक की उनकी प्रधानमंत्री पद की कुर्सी भी जा सकती है।

इस्लामाबाद. दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना वायरस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए कहर बन कर टूट सकता है। यहां तक की उनकी प्रधानमंत्री पद की कुर्सी भी जा सकती है। कोरोना से जूझ रहे पाकिस्तान में सेना और इमरान सरकार के बीच मतभेद लगातार गहरा रहा है। बताया जा रहा है कि सेना ने इमरान खान को जून तक का अल्टीमेटम भी दे दिया है।   

कोरोना वायरस से दुनियाभर में 95700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 16 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। पाकिस्तान में भी कोरोना से प्रभावित है। यहां 4500 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, 65 लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई जगहों पर लॉकडाउन भी किया गया है। पूरे पाकिस्तान में सेना की तैनाती की गई है। 

इमरान पर लग रहे आरोप
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार लगातार विवादों में आ रही है। सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि उसने चीन और पड़ोसी ईरान से सीख नहीं ली और कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया। इमरान सरकार का दावा है कि उन्होंने जनवरी से ही इस पर नजर बनाए रखी है, लेकिन बताया जा रहा है कि इमरान ने 12 मार्च तक कोरोना से निपटने के लिए कोई बैठक नहीं की। 

इतना ही नहीं सिंध प्रांत, जहां विपक्ष की सरकार है, वहां इमरान खान पर तीर्थयात्रियों का ठीक से जांच ना कर पाने और उन्हें क्वारंटाइन में रखने में असफल रहने के आरोप लग रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि यहां तेजी से कोरोना फैल गया। 

सेना ने खुद संभाली कमान
एक तरफ इस महामारी से निपटने में केवल इमरान कोरे आश्वासन देते रहे और लोगों को ना घबराने की सलाह देते रहे। लेकिन उनकी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए। इसे देखते हुए पाकिस्तान की सेना को आगे आना पड़ा और सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने ऐलान किया कि सभी राज्यों में सेना को तैनात किया जाएगा। सेना के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की चैनलों पर इमरान खान का मजाक भी उड़ाया गया। उधर, इमरान खान ने सिंध में लॉकडाउन के प्रांत सरकार के फैसले का भी विरोध किया। 

सेना प्रमुख बाजवा कर रहे प्रांत की सरकारों और नेताओं के साथ बैठक
इमरान द्वारा कोई कदम ना उठाने पर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने एक अप्रैल को प्रांत की सरकारों के साथ बैठक की। सेना की ओर से महामारी को रोकने की जिम्मेदारी अफसर जनरल हमूद खान को दी गई है। माना जा रहा है कि कोरोना से निपटने के बाद इमरान खान सरकार का गिरना तय है। सेना विपक्षी नेताओं से भी संपर्क में है, जिससे इमरान सरकार को हटाया जा सके। जेल में सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति मिलने के बाद इन अटकलों को ज्यादा बल मिला है। 

'इमरान के पास सिर्फ 3 महीने का वक्त' 
पाकिस्‍तान के ऊर्दू पत्रकार सुहैल वरैच का कहना है कि इमरान खान के पास सिर्फ 3 महीने का वक्त है। अगर इमरान खान प्रशासन को एकसाथ लाने और विपक्ष से मतभेद दूर करने में नाकाम रहते हैं तो देश की राजनीति में बदलाव होगा। माना जा रहा है कि सेना से इमरान खान को तीन महीने का वक्त दिया है। इमरान खान की सत्ता जाती है तो वे एक और ऐसे प्रधानमंत्री बन जाएंगे जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

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