
जोहानसबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के चलते कोरोना संक्रमण की चौथी लहर शुरू हो गई है। पूरे देश में तेजी से महामारी फैल रही है। यहां गुरुवार को 11500 संक्रमित मिले हैं। देशभर के करीब 80 फीसदी संक्रमण के मामले गौतेंग प्रांत में मिले हैं। यह दक्षिण अफ्रीका का प्रमुख आर्थिक केंद्र है। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने बताया है कि कोरोना के 75 फीसदी संक्रमण के लिए नया वेरिएंट जिम्मेदार है। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री फाहला का कहना है कि संक्रमण की चौथी लहर शुरू हो गई है।
WHO का विशेषज्ञ दल पहुंचा दक्षिण अफ्रीका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का विशेषज्ञ दल दक्षिण अफ्रीका पहुंचा है। यह दल कोरोना से निपटने के मामले में मदद करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अफ्रीका के क्षेत्रीय आपातकालीन निदेशक डॉक्टर सलाम गुए ने कहा है कि हमने निगरानी और संपर्क में आए लोगों की जांच में सहयोग करने के लिए गौतेंग राज्य में WHO के विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की है। हमारी एक टीम दक्षिण अफ्रीका में पहले से ही जीनोम सीक्वेंसिंग पर काम कर रही है।
24 नवंबर को मिला था पहला रोगी
बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की जानकारी दक्षिण अफ्रीका ने ही सबसे पहले दुनिया को दी थी। 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला सामने आया था। यह वेरिएंट अब दुनिया के करीब 30 देशों में फैल चुका है। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते लेवल वन का लॉकडाउन लगा दिया गया है। बाजार बंद कर दिए गए हैं और सड़कों पर चहल-पहल नहीं देखी जा रही है। लोग अपने घरों तक ही सीमित हो गए हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पांच तरह के लॉकडाउन लगाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसमें सबसे सख्त लॉकडाउन अंतिम और पांचवी श्रेणी का माना जाता है। कारोबारियों का कहना है कि उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप पड़ गया है। कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका पर ट्रैवेल बैन लगा दिया है। अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, थाइलैंड, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका पर ट्रैवेल बैन लगाया है।
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