पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कट्टरपंथियों ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर पर हमला कर दिया है। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कट्टरपंथियों ने फैसला बदलने की मांग की है।
वर्ल्ड न्यूज। पाकिस्तान में फिर हालात बेकाबू हो गए हैं। ईशनिंदा कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कट्टरपंथियों ने नकार दिया है। गुस्साए कट्टरपंथियों ने सुप्रीम कोर्ट पर ही हमला बोल दिया। फैसले के विरोध में भीड़ सर्वोच्च न्यायालय परिसर में घुसकर हंगामा करते हुए आगे बढ़ने लगी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले दागने के साथ लाठीचार्ज भी करना पड़ा है। कट्टपंथियों के विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कट्टरपंथियों ने ये भी चेतावनी दी है कि यदि फैसले को बदला नहीं गया तो अंजाम बुरा होगा।
तीन बार बदल चुका फैसला
ईशनिंदा कानून को लेकर तीन बार फैसला बदल चुका है। अब फिर से लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हैं। आलमी मजलिस तहफ्फुज-ए-नबूवत की ओर से हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मांग की गई है कि मुबारक सानी के माले में कोर्ट अपना फैसला पलट दे नहीं तो और भी उग्र आंदोलन होगा। आगामी 7 सितंबर से पहले फैसले को अंतिम रूप से वापस लेने की मांग की गई है।
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मुबारक सानी केस क्या है?
पाकिस्तान के मुबारक सानी पर 2021 के पंजाब कानून का उल्लंघन का आरोप लगा था जो 'दूसरे पंथ की' कुरान से जुड़ी टिप्पणियों के प्रिंटिंग और वितरण पर रोक लगाता है। सानी ने कोर्ट में दलील दी थी कि उन्होंने कानून लागू होने से पहले 2019 में किताब बांटी थी। इस मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी को सानी को रिहा कर दिया था। सानी को पिछले साल तफसीर-ए-सगीर बांटने करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ईशनंदी के फैसले का बचाव
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस ईसा के पूर्व में दिए फैसले का बचाव किया था। कोर्ट ने अपने बयान में मुबारक सानी को दोषी नहीं माना था। कहा था कि यह पाकिस्तान के इस्लामी संविधान का उल्लंघन नहीं करता है। कोर्ट के फैसले से लोगों में आक्रोश फैल गया था।