दिल दहलाने वाला यह वीडियो ईरान का बताया जाता है, जिसे twitter पर शेयर किया गया है। एक पोस्ट के अनुसार मंगलवार(21 फरवरी) को ठीक से हिजाब नहीं पहनने पर इस मासूम ईरानी लड़की के मुंह पर हमला करके उसे लहूलुहान कर दिया।
वर्ल्ड न्यूज. दिल दहलाने वाला यह वीडियो ईरान का बताया जाता है, जिसे twitter पर शेयर किया गया है। एक पोस्ट के अनुसार मंगलवार(21 फरवरी) को ठीक से हिजाब नहीं पहनने पर इस मासूम ईरानी लड़की के मुंह पर हमला करके उसे लहूलुहान कर दिया।
Firstpost की रिपोर्ट के अनुसार, मोनिका वर्मा नामक एक twitter यूजर ने यह वीडियो पोस्ट किया है। इसमें लड़की को उसकी नाक से खून बहते और उसके पूरे कपड़ों पर खून के छींटे देखे जा सकते हैं। वो सड़क के किनारे बैठकर लगातार रो रही है। कुछ महिलाएं उसे चुप कराने का प्रयास कर रही हैं। पोस्ट में लिखा गया कि ईरान में चोट लगने के बाद खून से लथपथ बच्ची। उसकी गलती? उसने हिजाब नहीं पहना था। "हिजाब एक विकल्प है" हमारे समय का सबसे बड़ा घोटाला है।
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शिया बहुल ईरान इस्लामिक राष्ट्र है, जहां सख्त धार्मिक कानून लागू है। इसके तहत महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। 1979 में हुई इस्लामी क्रांति से पहले ईरान की महिलाएं काफी आजाद थीं। उन्हें बहुत हद तक बराबरी हासिल थी। लेकिन बाद में वहां कट्टर इस्लामिक शरिया कानून लागू कर दिया गया। इसके तहत पब्लिक प्लेस पर भी लोगों के व्यवहार पर नजर रखी जाती है और इस्लाम के खिलाफ व्यवहार करने पर लोगों को सख्त सजा का प्रावधान है। ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। क्लिक करके पढ़ें
कनार्टक की लड़कियों ने सुप्रीम कोर्ट में रुख किया है कि उन्हें हिजाब पहनकर एग्जाम में बैठने की परमिशन दिलवाई जाए। हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के खंडित फैसले(split verdict) के बाद हिजाब में लड़कियों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जा रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया गया कि हेडस्कार्फ़ पहनने पर बैन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के खंडित फैसले के बाद हिजाब में लड़कियों को 9 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
वकील शादन फरासत ने कहा,"अगर उन्होंने हिजाब पहन रखा है, तो उन्हें एग्जाम हॉल में बैठने की परमिशन नहीं है। सिर्फ इसी लिमिटेड पहलू पर सुप्रीम कोर्ट इसे सोमवार या शुक्रवार को लिस्टेड करने पर विचार कर सकती है।"
चूंकि इस मामल में सुप्रीम कोर्ट में जजों में एक राय नहीं थी, इसलिए मामला अभी भी विचाराधीन है। पिछले साल 13 अक्टूबर को विभाजित फैसले ने हिजाब विवाद का स्थायी समाधान नहीं होने दिया था। वजह, दो जजों ने मामले को एक बड़ी बेंच के समक्ष रखने का सुझाव दिया था। अदालत ने पिछले महीने कहा था कि वह मामले के फैसले के लिए बेंच गठित करने पर विचार करेगी।
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