सार
ईरान में हिजाब विवाद बढ़ता ही जा रहा है। वहां पुलिस कस्टडी में एक 22 साल की लड़की की मौत के बाद महिलाएं उग्र हो चुकी हैं। राजधानी तेहरान के अलावा अन्य कई शहरों में भी महिलाएं और लड़कियां सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। आखिर क्या है हिजाब विवाद और ईरान में कैसे हुई इसकी शुरुआत, आइए जानते हैं।
Iran Hijab Row: ईरान में हिजाब विवाद बढ़ता ही जा रहा है। वहां पुलिस कस्टडी में एक 22 साल की लड़की की मौत के बाद महिलाएं उग्र हो चुकी हैं। राजधानी तेहरान के अलावा अन्य कई शहरों में भी महिलाएं और लड़कियां सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। कई जगहों पर महिलाओं ने अपने बाल काटने के साथ ही हिजाब को जलाकर भी विरोध प्रदर्शन किया है। आखिर क्या है हिजाब विवाद और ईरान में कैसे हुई इसकी शुरुआत, आइए जानते हैं।
क्या है हिजाब विवाद?
शिया बहुल ईरान इस्लामिक राष्ट्र है, जहां सख्त धार्मिक कानून लागू है। इसके तहत महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। 1979 में हुई इस्लामी क्रांति से पहले ईरान की महिलाएं काफी आजाद थीं। उन्हें बहुत हद तक बराबरी हासिल थी। लेकिन बाद में वहां कट्टर इस्लामिक शरिया कानून लागू कर दिया गया। इसके तहत पब्लिक प्लेस पर भी लोगों के व्यवहार पर नजर रखी जाती है और इस्लाम के खिलाफ व्यवहार करने पर लोगों को सख्तस सजा का प्रावधान है। ईरान के शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं को बाल ढंकने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए मना किया जाता है। ऐसा न करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
क्यों भड़का हिजाब विवाद?
ईरान में 22 साल की महिला माहसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत के बाद हिजाब विवाद (Hijab Row) ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, अमीनी को हिजाब न पहनने पर पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। माहसा अमीनी की मौत के बाद ईरान ही नहीं, दुनियाभर में ईरान के धार्मिक कानून की आलोचना हो रही है। राजधानी तेहरान में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाएं विरोध जताते हुए अपने बाल काट रही हैं और हिजाब भी जला रही हैं।
क्यों माहसा अमीनी को किया था अरेस्ट?
ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को माहसा अमीनी को सिर न ढंकने के आरोप में हिरासत में लिया था। ईरानी मीडिया के मुताबिक, अमीनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। वहीं गिरफ्तारी के तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर को अमीनी की मौत हो गई। ईरान में हो रहे ह्यूमन राइट्स वायलेशन पर नजर रखने वाले एक चैनल का दावा है कि अमीनी की मौत सिर पर चोट लगने की वजह से हुई है।
कौन थीं माहसा अमीनी?
माहसा अमीनी कुर्दिस्तान के सकेज की रहने वाली थीं। माहसा कुर्द मूल की थीं। हिरासत में ही वे कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई। इसके बाद महिलाओं का गुस्सा भड़क गया। महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए।
महिलाओं में दहशत पैदा करने के लिए पुलिस ने किया ये काम :
28 साल की सेपदेह रोश्नो ने हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। बेहद टॉर्चर किया गया। बाद में नेशनल टीवी पर आकर माफी मांगने को कहा गया, ताकि हिजाब पहनने के तालिबानी फरमान को न मानने वाली महिलाओं के मन में दहशत पैदा की जा सके।
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