CNN, रायटर्स जैसे मीडिया को आतंकी संगठन घोषित करो..., यूरोपीय संसद सदस्य के बयान का Video Viral

यूरोपीय संसद में क्रोएशियाई सदस्य मिस्लाव कोलाकुसिक ने कहा कि सीएनएन, रॉयटर्स, एसोसिएटेड प्रेस, डॉयचे वेले और इसी तरह के मीडिया कट्टरपंथियों और मीडिया तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करना आवश्यक है।

वर्ल्ड डेस्क। यूरोपीय संसद (एमईपी) के क्रोएशियाई सदस्य मिस्लाव कोलाकुसिक ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने ऐसी बातें की हैं कि मीडिया की भूमिका पर तीखी बहस शुरू हो गई है। कोलाकुसिक के कहा कि सीएनएन, रॉयटर्स, एसोसिएटेड प्रेस और डॉयचे वेले जैसे मीडिया दिग्गजों को "आतंकवादी संगठन" घोषित किया जाना चाहिए। इन्होंने इन संस्थानों पर गलत सूचना और नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

 

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कोलाकुसिक ने कहा कि मुख्यधारा के मीडिया आउटलेट्स ने कोरोना महामारी और युद्धों के दौरान हानिकारक भूमिका निभाई है। ये आउटलेट बड़े पैमाने पर गलत जानकारी फैलाने और लोगों व राष्ट्रों के बीच कलह पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसके चलते यूरोप और दुनिया भर में अनगिनत लोग पीड़ित हुए हैं।

कोलाकुसिक ने कहा, "मीडिया और सच्चाई। सामान्य मानवीय मूल्यों की ओर लौटने के लिए, सीएनएन, रॉयटर्स, एसोसिएटेड प्रेस, डॉयचे वेले और इसी तरह के मीडिया कट्टरपंथियों और मीडिया तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करना जरूरी है। महामारी और युद्धों के दौरान उन्होंने भारी मात्रा में गलत सूचनाएं पैदा की गईं। इनके द्वारा लोगों और राष्ट्रों के बीच नफरत फैलाई गई। इसके चलते पूरे यूरोप और दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हुए। यह मीडिया की स्वतंत्रता पर कानून नहीं है, बल्कि नफरत और फर्जी खबरें फैलाने की आजादी पर कानून है। यह दुनिया को अधिनायकवादी व्यवस्था के अंधेरे युग में ले जाता है।"

सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा मिस्लाव कोलाकुसिक का वीडियो

मिस्लाव कोलाकुसिक के इस बयान ने मीडिया और फर्जी खबर पर चर्चा तेज कर दिया है। सोशल मीडिया पर कोलाकुसिक के वीडियो को शेयर किया जा रहा है। बहुत से लोग कोलाकुसिक के प्रति उनके बयान के लिए समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने लिखा, "बोलते रहो मिस्लाव... हम आपसे सहमत हैं।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "आदमी इससे अधिक सही नहीं हो सकता।"

ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, "क्या उस बयान के सामान्य आशय से सहमत होंगे। आतंकवादी संगठन? इसके बारे में निश्चित नहीं हैं।" एक अन्य यूजर ने लिखा, "वे सच बोलने में असमर्थ होने के कारण लोगों को सच बोलने से डरने के लिए प्रोग्राम करने में कामयाब रहे हैं।"

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