यूरोप में नहीं इस देश में बसा था दुनिया का पहला शहर, 1985 में हुई थी खोज, जानिए कैसे थे रीति-रिवाज?

First city of the world: क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे पुराना शहर कौन-सा है या उसका क्या नाम है? अगर नहीं पता तो आज हम आपको दुनिया के सबसे पहले शहर के बारे में पूरी जानकारी देगें।

First city of the world: जब भी शहरों की बात होती है तो सबसे पहले हमारे जेहन में ऊंची- ऊंची बिल्डिंग, चौड़ी सड़कें, फर्राटे भरती गाड़ियां आती हैं। आज-कल लोग शहर में रहना पसंद करते हैं। शहरों में लोगों को कई सुविधाएं मिलती हैं। हेल्थ से लेकर नौकरी तक शहर में हर चीज आसानी से मिल जाती है। यह ही वजह है कि नए-नए शहर वजूद में आ रहे हैं। वैसे शहर बसने का सिलसिला काफी पुराना है। ऐसे में अगर आप किसी से पूछें कि दुनिया का सबसे पुराना शहर (Oldest city of the world) कौन सा है, तो शायद ही उसे पता हो। अगर आपको भी इस सवाल का जवाब नहीं पता है, तो कोई बात नहीं आझ हम आपको दुनिया के सबसे पुराने शहर के बारे में बताने जा रहे हैं।

आमतौर लोग मानते हैं कि सबसे पुराना शहर एथेंस है, लेकिन यह गलत है। दरअसल, दुनिया का सबसे पुराना शहर चैटलहोयुक (Çatal höyük) है। ये शहर तुर्की में है। एक रिसर्च के मुताबिक, इसे दुनिया का सबसे पहला शहर है। यह शहर 9 हजार साल पहले यानी 7000 ईसा पूर्व बसा था। चैटलहोयुक की खोज 1985 में की गई थी।

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चैटलहोयुक है दुनिया का पहला शहर

गौरतलब है कि रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि ये शहर 9 हजार साल पहले यानी 7000 ईसा पूर्व बसा था। चूंकि इससे पहले के शहर के बारे में अभी कोई और जानकारी नहीं है, इसलिए वैज्ञानिक इसे दुनिया का पहला शहर मानते हैं। बता दें कि यूनान की राजधानी एथेंस शहर का इतिहास 3000 साल पुराना है।

1985 हुई थी चैटलहोयुक की खोज

चैटलहोयुक की खोज 1985 में की गई थी। यह खोज बिट्रिश खोजकर्ता जेम्स मेलार्ट ने की थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज भी चैटलहोयुक में रिसर्च का काम शुरू होता रहता है। इस शहर की वास्तुकला और रीति-रिवाज को लेकर खोजकर्ताओं की दिलचस्पी दिन-ब-दिन बढ़ती रहती है।

नहीं थे रास्ते व गलियां

बताया जाता है कि यहां के घरों में दरवाजे नहीं थे, घरों में आने जाने का रास्ता छत से था। इस जगह की खुदाई में मिले अवशेषों से पता चला की घरों की बीच सड़के या गलियां नहीं थीं। यहां कि छतें ही सड़कें हुआ करती थीं। यहां के लोग बाहर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करते थे। घर में सिर्फ दो ही कमरे होते थे, एक रहने के लिए और दूसरा अनाज रखने के लिए ।

खुदाई का हुआ विरोध

चैटलहोयुक में लोग अपने मृत परिजनों को अपने ही घरों में दफना देते थे। रिसर्च के दौरान इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसके अलावा रिसर्च से यह भी पता चला कि दुनिया के इस पहले शहर में महिला व पुरूष के साथ एक समान व्यवहार होता था। दोनों मिल-जुलकर सारे काम करते थे। मध्य तुर्की में इस जगह को लेकर विवाद शुरू हुए जिस कारण 1965 में काम बंद करना पड़ा। इसके बाद 1993 में दोबारा खुदाई शुरू जिसके बाद इस शहर के कई राज बाहर आए।

यह भी पढ़ें- इस शहर के नाम सजा दुनिया के सबसे अमीर शहर का ताज, 58 अरबपतियों का है घर

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