
Donald Trump Fires 2000 USAID Workers: डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालने के सिर्फ एक महीने बाद ही अमेरिका में बड़ा कदम उठा लिया है। चुनाव से पहले ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि सरकारी खर्च में भारी कटौती की जाएगी, और इसके तहत बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों को हटाया जा सकता है। अब ट्रंप शासन ने रविवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के 2,000 पदों को समाप्त कर रहा है और वैश्विक स्तर पर अधिकांश अन्य कर्मचारियों को अवकाश पर भेज रहा है।
रविवार, 23 जनवरी को रात 1:59 बजे से USAID के सभी स्थायी कर्मचारियों को वैश्विक स्तर पर प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया जाएगा। हालांकि जो कर्मचारी जरूरी मिशनों, प्रमुख नेतृत्व और विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों से जुड़े हैं वह अपने पदों पर बने रहेंगे। The Associated Press यह जानकारी USAID कर्मचारियों को भेजी गई आधिकारिक नोटिस में दी गई है।
ट्रंप प्रशासन के इस कदम से USAID पर पहले से चल रहे एक महीने के हमले में और तेजी आ गई है। प्रशासन ने पहले ही वाशिंगटन स्थित मुख्यालय को बंद कर दिया है और दुनिया भर में हजारों अमेरिकी सहायता और विकास कार्यक्रमों को रोक दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रमुख बजट नियंत्रक एलन मस्क का मानना है कि सहायता और विकास कार्य फिजूलखर्ची है और यह एक उदारवादी एजेंडे को बढ़ावा देता है।
विदेशों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है क्योंकि कई कर्मचारियों ने सरकारी संचार से कटे होने की शिकायत की है। नोटिस में कहा गया है, "USAID अपने विदेशों में तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक वे स्वदेश नहीं लौटते तब तक उन्हें एजेंसी की प्रणालियों, राजनयिक संसाधनों और अन्य सुविधाओं पहुंचाई जाएगी।"
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USAID के ठेकेदारों को भेजे गए नोटिस में न तो उनके नाम थे और न ही उनके पद का जिक्र किया गया। इससे बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के लिए बेरोजगारी लाभ प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है। वहीं, USAID को बंद करने से जुड़े एक अन्य मामले में एक अलग जज ने विदेशी मदद पर लगी रोक को फिलहाल हटा दिया है। जज ने कहा कि सरकार ने उनके आदेश के बावजूद मदद रोक रखी थी, जबकि उसे कम से कम अस्थायी रूप से फिर से शुरू करना चाहिए।
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