
Donald Trump H1B Visa Policy: भारत से आने वाले सामान पर 50% टैक्स लगाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान अब आईटी सेवाओं और टेक कर्मचारियों पर है। कहा जा रहा है कि ट्रंप भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका देने की तैयारी में हैं। अगर ये टैक्स लागू हुआ तो भारत के आईटी हब बेंगलुरु पर इसका गंभीर असर पड़ेगा। भारत हर साल अमेरिका को 4.20 लाख करोड़ रुपये की सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं देता है। इसमें से ज्यादातर हिस्सा आईटी राजधानी कर्नाटक का है। इसलिए अगर ट्रंप आईटी और बीपीओ सेक्टर पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं तो कर्नाटक को बड़ा नुकसान होगा।
जैक पोसोबिक नाम के एक शख्स ने पोस्ट किया था कि विदेशों से अमेरिका को दी जाने वाली सेवाओं पर भी सामान की तरह टैक्स लगना चाहिए। ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने इस पोस्ट को शेयर किया, जिससे ये चर्चा शुरू हो गई। मांग है कि आईटी सेवाओं, विदेश में बैठकर काम करने वाले कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग पर टैक्स लगाया जाए।
ट्रंप के करीबी लोग H-1B वीजा, ग्रीन कार्ड और अस्थायी वीजा पर काम करने वालों पर ज्यादा शुल्क लगाकर भारत की तरक्की की रफ्तार धीमी करने की सोच रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप सरकार अमेरिका में रहने वाले भारतीयों द्वारा अपने देश भेजे जाने वाले पैसों पर भी टैक्स लगाने की योजना बना रही है। अगर ये टैक्स लागू हुआ तो भारत के मानव संसाधन, इंजीनियर, कोडर और छात्रों को भारी नुकसान होगा। इससे अंतरराष्ट्रीय आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री की नींव हिल जाएगी। इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो, कॉग्निजेंट, एचसीएल जैसी भारतीय आईटी कंपनियां H-1B वीजा की सबसे बड़ी प्रायोजक हैं। अमेरिका में सबसे ज्यादा आईटी सेवाएं भारतीय कंपनियां ही देती हैं।
रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने फिर भारत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने से पूरे देश को नुकसान हो रहा है, लेकिन अमीर लोग ही फायदा उठा रहे हैं। इसे रोकना ज़रूरी है। शंघाई सम्मेलन में मोदी की शी जिनपिंग और पुतिन से बातचीत के बाद ये बयान आया है। पीटर के बयान की भारत में सभी पार्टियों ने निंदा की है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।