दुबई COP28: सद्गुरु ने मिट्टी को बताया "जलवायु सुपरस्टार", कहा-इसे बचाना होगा

सद्गुरु ने कहा, "आज हम जिन भी संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं, चाहे हम कुछ भी बना रहे हों, मूलतः यह मिट्टी ही है। इसलिए मिट्टी सिर्फ किसान का व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह हर किसी का बिजनेस होना चाहिए, क्योंकि हम भी मिट्टी हैं।

दुबई। "विश्व मृदा दिवस" पर मिट्टी बचाओ अभियान के संस्थापक सद्गुरु, यूएनसीसीडी के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव और छठे राष्ट्रमंडल महासचिव आरटी माननीय पेट्रीसिया स्कॉटलैंड केसी ने COP28 के एक विशेष सत्र में जलवायु समाधान के लिए मिट्टी के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।

सेव सॉइल मूवमेंट ने COP28 में क्लाइमेट क्लॉक, 4 प्रति 1000, इकोसिस्टम रिस्टोरेशन कम्युनिटीज, SHE चेंजेस क्लाइमेट और द क्लाइमेट ऐप के साथ 'SoilForClimateAction' अभियान लॉन्च किया। COP 28 में सद्गुरु ने कहा "मिट्टी को एक विषय के रूप में 'कूल' बनाना तो बस शुरुआत है। लेकिन हमें मिट्टी को वाकई ठंडा करना होगा - यही असल बात है।"

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"मिट्टी, जलवायु सुपरस्टार!" विषय पर संवाद में सद्गुरु ने कहा, "आज हम जिन भी संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं, चाहे हम कुछ भी बना रहे हों, मूलतः यह मिट्टी ही है। इसलिए मिट्टी सिर्फ किसान का व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह हर किसी का बिजनेस होना चाहिए, क्योंकि हम भी मिट्टी हैं। एकमात्र सवाल यह है - क्या हम यह बात अभी समझेंगे, या तब जब हमें दफनाया जाएगा? अगर हम यह अभी समझ गए, तो हम परिवर्तन ला सकते हैं।"

मिट्टी को लेकर समय पर कार्रवाई के लिए दबाव डालते हुए, सद्गुरु ने कहा, "यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह केवल जागरुकता बढ़ाने का समय नहीं है, बल्कि यह कार्रवाई का समय है। यदि हम मानते हैं कि COP परिवर्तन लाने का मंच है तो हमें बात करते रहने के बजाय कार्रवाई पर जोर देना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मिट्टी को एक विषय के रूप में 'कूल' बनाना तो बस शुरुआत है। हमें मिट्टी के तापमान को वाकई ठंडा करना होगा - यही असल बात है।"

सद्गुरु की भावनाओं को दोहराते हुए इब्राहिम थियाव ने कहा, "प्रकृति को हमारी जरूरत नहीं है, लेकिन हमें अपने जीवन, अपनी आजीविका के लिए प्रकृति की जरूरत है। आज तरक्की को मापने का पैमाना ही गलत है। जो कहता है कि आपके पास कितना पैसा है और हमने कितने प्राकृतिक संसाधन निकाले हैं। लेकिन ये संसाधन सीमित हैं। हमारा भविष्य और हमारे बच्चों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम प्रकृति के साथ कैसे संवाद करते हैं, और यह हम सबकी जिम्मेदारी है। हमारी अलमारी में कितने कपड़े हैं? हम कितना खाना बर्बाद करते हैं, कितने कपड़े फेंक देते हैं? यह सब किसी न किसी तरह से प्रकृति को नष्ट कर रहा है।"

ईशा आउटरीच द्वारा समर्थित तमिलनाडु में मिट्टी बचाओ मॉडल फार्म का भी दौरा करने वाली राष्ट्रमंडल महासचिव, आरटी माननीय पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने मिट्टी बचाओ अभियान का पूरा समर्थन किया और कहा, "राष्ट्रमंडल मिट्टी के पुनरुद्धार के लिए सभी 56 राष्ट्रमंडल देशों में सद्गुरु के साथ साझेदारी करके खुश है। क्योंकि उनके पास मिट्टी को सुपरस्टार में बदलने का जादू है।"

सद्गुरु, अल वस्ल प्लाजा में एक विस्मयकारी शो 'वेक अप एक्सपीरियंस' के विशिष्ट वक्ता भी बने। इस खास मल्टी-मीडिया कार्यक्रम में सद्गुरु के साथ संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) और इम्पैक्ट नेस्ट, जलवायु संकट में मृदा स्वास्थ्य संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को लेकर एकजुट हुए।

मिट्टी बचाओ अभियान ने लॉन्च किया 'Soil For Climate Action'

वैश्विक मृदा संकट को दूर करने के लिए सद्गुरु की पहल, मिट्टी बचाओ अभियान ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर COP28 में अपने नए 'सॉइल फॉर क्लाइमेट एक्शन' अभियान शुरू करने की घोषणा की।

अभियान का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को कम करने में स्वस्थ मिट्टी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। स्वस्थ रहने पर मिट्टी भारी मात्रा में वातावरण में मौजूद कार्बन को अवशोषित कर सकती है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने में भी मदद मिलती है। यह पानी को फिल्टर करने, कृषि को बढ़ावा देने और जैव विविधता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मिट्टी बचाओ अभियान 'सॉइल फॉर क्लाइमेट एक्शन' अभियान के लिए क्लाइमेट क्लॉक, 4 प्रति 1000, इकोसिस्टम रिस्टोरेशन कम्युनिटीज, SHE चेंजेज क्लाइमेट और द क्लाइमेट ऐप के साथ साझेदारी कर रहा है। सीओपी 28 में संयुक्त राष्ट्र-मान्यता प्राप्त ब्लू जोन में इस आंदोलन का अपना मंडप है, जहां यह जलवायु समाधान के रूप में मृदा स्वास्थ्य पर कार्यक्रमों और चर्चाओं की एक श्रृंखला की मेजबानी कर रहा है।

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