Exclusive Report: यूक्रेन से पाॅलैंड लौटे छात्रों ने एशियानेट से बयां किया दर्द, जानिए उन्होंने क्या कहा

Published : Mar 08, 2022, 04:20 PM IST
Exclusive Report: यूक्रेन से पाॅलैंड लौटे छात्रों ने एशियानेट से बयां किया दर्द, जानिए उन्होंने क्या कहा

सार

विश्व मलयाली संघ (World Malayalee Union) के कार्यकर्ताओं ने यूक्रेन-पोलिश सीमा (Ukraine-Polish Border) पर पहुंचने वाले पहले मलयालम टीवी चैनल एशियानेट के प्रतिनिधि प्रशांत रघुवंशम से बात की।

कीव: मलयाली वाॅलेंटियर्स यूक्रेन से पोलैंड पहुंचे छात्रों को बचाव अभियान की चुनौतियों और परिस्थितियों को समझाने में मदद करने में जुटे हुए हैैं। विश्व मलयाली संघ के कार्यकर्ताओं ने यूक्रेन-पोलिश सीमा पर पहुंचने वाले पहले मलयालम टीवी चैनल एशियानेट के प्रतिनिधि प्रशांत रघुवंशम से बात की। मार्केज, जिन्सी और सीन ने बचाव अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वाॅलेंटियर्स ने बताया कि छात्रों को सीमा तक पहुंचने में कुछ कठिनाई हुई। सीमा पर चालीस किलोमीटर चलने और चार घंटे इंतजार करने के बाद छात्रों को सीमा पार करने की मंजूरी मिली है। छात्रों को अभी भी पोलिश सीमा से मंजूरी के लिए इंतजार करना पड़ा है। इसलिए मेडिका बार्डर से छात्रों को काफी परेशानी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को यह स्पष्ट नहीं था कि वे किस सीमा से बाॅर्डर पार कर सकते हैं।

काफी मुश्किलों का करना पड़ा सामना
वॉलेंटियर्स की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पहले कुछ दिन जब छात्रों का आना शुरू हुआ तो काफी परेशानी हुई। छात्र इस बात को लेकर चिंतित थे कि किस दिशा में जाना है और किस रास्ते को फॉलो करना है। पहले कुछ दिन बहुत कठिन थे। 170 किमी की दूरी तय करने के बाद ठंड में बस का इंतजार करना मुश्किल हो रहा था। लेकिन वे किसी को पीछे छोड़े बिना एक को वापस लाने में सक्षम होने पर भी खुश थे। स्वयंसेवकों ने कहा कि दूतावास से लोगों के आने के बाद चीजें थोड़ी आसान हो गई। वॉलेंटियर्स ने कहा कि मेेडिकल इमरजेंसी की जरूरत वाले लोगों को सरकार की ओर काफी अच्छा रिस्पांस मिला।

सुमी छोडऩे की एडवाइजरी
सूमी से लौटने वाले छात्रों ने यूक्रेन-पोलैंड सीमा से एशियानेट न्यूज से बात की।
पंजाब के छात्र ने कहा कि खार्किव में दिन असहनीय थे। छात्रों ने कहा कि जब वे पीचिस पहुंचे तो वे सुरक्षित थे और उन्हें भारतीय दूतावास से काफी मदद मिली। इस बीच, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सूमी में छात्रों को शहर छोडऩे के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। पश्चिमी सीमा तक पहुंचने के लिए यूक्रेन के पोल्टावा पहुंचने की कोशिश की जा रही है। दूतावास के अधिकारी बचाव अभियान के कॉर्डिनेशन के लिए पोल्टावा पहुंचे। दूतावास ने कहा कि समय और तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी।

आज भारत लौटेंगे प्रभजोत
विदेश मंत्रालय का अनुमान है कि सूमी में 700 छात्र फंसे हुए हैं। इस बीच कीव में गोलीबारी में घायल हुए छात्र हरजोत सिंह आज केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के साथ भारत लौटेंगे। बाद में उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। इस बीच, यूक्रेन की सीमा से भारत की निकासी प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।

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