5G नेटवर्क से होनेवाले दिक्कतों से सामना करने के लिए FAA ने अमेरिकी एयरलाइंस को तैयार रहने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि पहले देखा जा चुका है कि 5G नेटवर्क से दिक्कत होती रही है।
वाशिंगटनः यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बुधवार को प्रमुख अमेरिकी एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे प्रमुख हवाई अड्डों पर 5G से होनेवाली दिक्कतों से बचने के लिए कार्य करें। कई जगहों पर 5G वायरलेस रोलआउट से जोखिमों की खबर मिलने के बाद ऐसा कहा गया है। FAA के एक्टिंग एडमिन्सट्रेशन बिली नोलन ने समीक्षा किए गए एक पत्र में कहा है कि एटीएंडटी (टीएन) और वेरिज़ोन (वीजेडएन) जुलाई में शुरू होने वाले कुछ हवाई अड्डों के आसपास सी-बैंड 5जी सेवाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं, जो पहले उनके रोलआउट में देरी के बाद शुरू हुए थे।
सिग्नल में हो सकती है दिक्कत
चिंता है कि 5G सेवा हवाई जहाज की ऊंचाई के साथ इंटरफेयर कर सकती है। विमान जब ऊंचाई में होते हैं तो इसी से डेटा दिया जाता है। खराब मौसम में भी लैंडिंग के लिए यह महत्वपूर्ण है। इस साल की शुरुआत में कुछ अमेरिकी हवाई अड्डों पर दिक्कतें पैदा हुई थी। नोलन ने एयरलाइंस से रेडियो अल्टीमीटर को रेट्रोफिटिंग के साथ तत्काल आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा, "इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सभी बड़े बाजार वर्तमान में सुरक्षा उपायों को बनाए रखेंगे।" उन्होंने चेतावनी दी कि वायरलेस कैरियर सिग्नल को बढ़ावा देने के कारण कुछ "कम सक्षम विमान (less capable Aircraft)" बिना अल्टीमीटर रेट्रोफिट के कुछ हवाई अड्डों तक नहीं पहुंच सकते हैं।
5G नेटवर्क को लेकर होता रहा है विवाद
17 जनवरी को एयरलाइंस के सीईओ ने एक आसन्न "विनाशकारी" विमानन संकट की चेतावनी दी थी, जो 5G परिनियोजन के कारण लगभग सभी ट्रैफिक को रोक सकता था। व्हाइट हाउस के दबाव में एटीएंडटी और वेरिजॉन कुछ दिनों के बाद जनवरी में 5 जुलाई तक देरी करने के लिए सहमत हुए। 5जी नेटवर्क को लेकर शुरू से ही विवाद होता रहा है। कभी कोरोना महामारी के लिए भी 5जी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया गया तो कभी दावा किया गया कि 5जी नेटवर्क के आने के बाद पक्षियों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा, हालांकि इन सब दावों को विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर टेलीकॉम कंपनियों और तमाम सरकारों ने बकवास करार दिया है। अब 5जी की शुरुआत होते ही अमेरिका में एयरलाइन कंपनियों की मुसीबत बढ़ गई है।
बाधा उत्पन्न होने की बात आयी थी सामने
एअर इंडिया ने कहा था कि अमेरिका में 19 जनवरी से 5जी इंटरनेट के कारण अमेरिकी उड़ानों में कटौती या बदलाव करने पड़ेंगे। वहीं अमेरिकी उड्डयन नियामक फैडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने कहा था कि 5जी के कारण विमान के रेडियो अल्टीमीटर इंजन और ब्रेक सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे रनवे पर विमान के लैंड करने में दिक्कत आ सकती है।
ये आ सकती है समस्या
1. एटीएंडटी और वेरिजोन कंपनियां अपने 5जी वायरलेस सर्विस के लिए अल्टीमीटर में इस्तेमाल होने वाले रेडियो स्पेक्ट्रम के काफी करीब वाले स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती हैं। बता दें कि अल्टीमीटर की मदद से विमान और धरती के बीच की दूरी मापी जाती है। ऐसे में विमान और धरती की सटीक ऊंचाई मापने में दिक्कत हो सकती है।
2. सी बैंड का रेंज 3.7 से 3.98GHz होता है और अल्टीमीटर 4.2 से 4.4GHZ की रेंज में काम करते हैं। ऐसे में 5जी के बैंड की फ्रीक्वेंसी और अल्टीमीटर रेडियो की फ्रीक्वेंसी काफी करीब हो रही है जो कि विमान कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता है।
3. 5जी में इस्तेमाल होने वाली सी बैंड की फ्रीक्वेंसी के कारण वे सभी उपकरण काम करना बंद कर सकते हैं जो विमान की ऊंचाई बताते हैं, सेफ्टी को लेकर डाटा देते हैं। इसके अलावा नेविगेशन सिस्टम भी फेल हो सकता है। विमानन कंपनियों ने कहा है कि हवाईअड्डे के रनवे के दो मील के दायरे को छोड़ कर किसी भी इलाके में 5जी इंटरनेट सेवा बहाल की जा सकती है।
4. स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान इस बात की आशंका जताई गई थी। स्पेक्ट्रम के आवंटन के दौरान संघीय संचार आयोग यानी एफसीसी ने साफ किया था कि हवाई अड्डे के पास वाले इलाके में सी बैंड का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन अब एफसीसी के प्रमुख स्टीफन डिक्सन का कहना है कि फिलहाल हवाई अड्डों के पास 5जी शुरू ना किया जाए। उन्होंने कहा कि 5जी के कारण उड़ाने में होने वाली समस्याओं को लेकर पहले रिसर्च करना जरूरी है।
फ्रांस ने भी किया अनोखा प्रयोग
एटीएंडटी और वेरीजोन ने पहले भी कहा था कि सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका में वायरलेस संचार उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले (सीटीआईए) ने कहा है कि दुनिया के 40 देशों ने सी बैंड को 5जी के लिए उपलब्ध कराया है, लेकिन वहां की विमानन कंपनियों ने इस तरह की शिकायत नहीं की है। एटीएंटडी के सीईओ जॉन स्टैंकी और वेरिजोन के सीईओ हांस वेस्टबर्ग ने यह जरूर कहा है कि वे एयरपोर्ट के पास 5जी नेटवर्क की ताकत को कम करेंगे। इससे पहले फ्रांस ने भी इसी तरह का प्रयोग किया है।
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