बांग्लादेश: दीपू चंद्र दास के पिता की आपबीती, बेटे के साथ हुई बर्बरता पर छलका दर्द

Published : Dec 21, 2025, 10:30 PM IST
Dipu Chandra das bangladesh

सार

भारत-विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा भड़की। इस्लामी भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास को पीटकर मार डाला और शव जला दिया। घटना ने कट्टरपंथी हिंसा और हिंदुओं की असुरक्षा को उजागर किया।

Bangladesh Violence Latest Updates: भारत-विरोधी कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क उठी। इस दौरान इस्लामियों की हिंसक भीड़ ने 27 साल के दीपू चंद्र दास पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए पीट-पीटकर मार डाला। बाद में उसके शव को नग्न कर पेड़ से बांधकर जला दिया गया। बाद में हिंसक भीड़ इस बर्बरता का जश्न मनाती दिखी। बता दें कि दीपू चंद्र दास मैमनसिंह में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे।

फेसबुक से पता चली बेटे की हत्या की खबर

पीड़ित दीपू चंद्र दास के पिता रविलाल दास ने इस पूरी घटना की आपबीती सुनाते हुए हुए कहा, "सरकार की तरफ से किसी ने कोई आश्वासन नहीं दिया, ना ही कुछ बताया। उन्हें अपने बेटे की हत्या की खबर सबसे पहले फेसबुक से पता चली। उन्होंने बताया कि मुझे फेसबुक से कुछ बातें पता चलीं। बाद में कुछ और जगहों से खबर मिली कि उसे इस्लामी भीड़ ने बुरी तरह पीटा है।

मेरे बेटे के जले हुए सिर और धड़ को बाहर बांध दिया

रविलाल दास के मुताबिक, आधे घंटे बाद मेरे चाचा आए और उन्होंने मुझे बताया कि वे मेरे बेटे को ले गए और उसे एक पेड़ से बांध दिया। फिर उन्होंने उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी। उसकी जली हुई लाश बाहर छोड़ दी गई। उन्होंने जले हुए धड़ और सिर को बाहर बांध दिया। यह बहुत ही भयानक और रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर था। बता दें कि इस घटना में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हादी की मौत से मिला हिंदुओं पर हमले का मौका

दीपू दास की लिंचिंग ने बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा की ओर ध्यान खींचा है। आम चुनावों से कुछ महीने पहले हादी की मौत इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए उत्पात मचाने का एक मौका है। खासकर उन लोगों के खिलाफ, जो उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाते।

दीपू की बर्बर लिंचिंग पर क्या बोली अवामी लीग

बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की बर्बर लिंचिंग पर शेख हसीना सरकार में पूर्व सांसद और सूचना मंत्री रहे मोहम्मद अली अराफात ने कहा, कट्टरपंथी इस्लामी ताकतें हादी की मौत पर विरोध प्रदर्शन की आड़ में बांग्लादेश को आग के हवाले कर रही हैं। हादी के समर्थकों ने शुक्रवार 19 दिसंबर को शाहबाग में उसकी हत्या के लिए न्याय की मांग करते हुए धरना दिया। बाद में यही भीड़ जिहादी और कट्टरपंथी इस्लामी जमावड़े में बदल गई। इस भीड़ में तौहीदी जनता के जशीमुद्दीन रहमानी और अताउर रहमान जैसे चरमपंथी नेता मौजूद थे। इन सभी ने भड़काऊ भाषण दिए।

कौन है जशीमुद्दीन रहमानी?

जशीमुद्दीन रहमानी एक जिहादी और अल-कायदा से जुड़े अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का प्रमुख है। उसेअवामी लीग सरकार के दौरान बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत 2013 और 2016 के बीच मारे गए नास्तिक ब्लॉगरों की हत्याओं का समर्थन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। हालांकि, मौजूदा यूनुस सरकार ने उसे रिहा कर दिया और सार्वजनिक रूप से उसके द्वारा की गई हत्याओं का समर्थन किया।

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