NATO का 31वां सदस्य बना फिनलैंड, जानिए कैसे मिलती है? सदस्यता कितनी जरूरी है भौगेलिक स्थिति?

फिनलैंड संगठन में शामिल होने वाला 31 वां देश बन गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नाटो में शामिल होने का मापदंड किया होता है?

NATO Membership Requirement: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने हाल ही में घोषणा की थी कि फिनलैंड नाटो का 31वां सदस्य बन गया है। तुर्की के सभी सदस्यों द्वारा फिनलैंड को नाटो में शामिल करने के लिए एकमत स्वीकृति दी थी। बता दें कि फिनलैंड रूस से 1,300 किलोमीटर से अधिक की लंबी सीमा शेयर करता है। फिनलैंड के संधि में शामिल होने के बाद रूस की सुरक्षा के लिए समस्याएं पैदा करेगा। ऐसे में रूस काफी चिंतित है।

बता दें कि सुरक्षा कारणों को लेकर रूस-यूक्रेन के बीच पहले से युद्ध चल रहा है। ऐसे में फिनलैंड का नाटो में शामिल होना रूस के लिए चिंता पैदा कर सकते है। गौरतलब है कि फिनलैंज के अलावा स्वीडन ने भी नाटो में शामिल होने की अर्जी दी थी। हालांकि,तुर्की और हंगरी द्वारा स्वीकृति नहीं मिलने के कारण स्वीडन की अर्जी को अस्वीकार हो गई है।

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क्या होगा फिनलैंड की सुरक्षा का?

फिनलैंड नाटो में शामिल होने के बाद उसकी सुरक्षा को लेकर चर्चा हो रही है। कुछ लोगों का मानना है कि नाटो में शामिल होने के बाद फिनलैंड की रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिलेगी। वहीं,कुछ लोग कह रहे हैं कि रूस से नजदीकी के कारण देश में तनाव पैदा होगा।

नाटो का 31 वां देश बना फिनलैंड

उल्लेखनीय है कि फिनलैंड के अलावा नाटो में यूरोप और उत्तर अमेरिका के अधिकांश देश शामिल हैं। फिनलैंड से पहले दुनिया के 30 देश इसका हिस्सा थे। फिनलैंड संगठन में शामिल होने वाला 31 वां देश बन गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नाटो में शामिल होने का मापदंड किया होता है?

क्या हैं सदस्यता के मापदंड?

बता दें कि नाटो को हिस्सा बनने के लिए किसी भी देश को 5 मापदंडों को पूरा करना होता है। इनमें राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, सैन्य तैयारी, संघ की संरक्षण में प्रतिबद्धता और NATO संबंधित मूल्यों के साथ संगतता शामिल हैं.

राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता

नाटो में शामिल होने के लिए देश में एक स्थिर लोकतांत्रिक सरकार होना जरूरी है। इसके अलावा देश में अर्थव्यवस्था, मानवाधिकारों और कानून के नियमों का सम्मान करने का सिद्धांत होना चाहिए।

सैन्य तैयारी

देश के पास एक कैपेबल और अच्छी तरह से प्रशिक्षित सेना होनी चाहिए जो संघ की संरक्षण योजना में योगदान कर सकती हो। इसमें रक्षा में निवेश करने और आधुनिक उपकरण बनाए रखने की प्रतिबद्धता शामिल है।

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संघ की संरक्षण में प्रतिबद्धता

नाटो में शामिल होने वाला देश संघ की संरक्षण में योगदान करने के लिए तत्पर होना चाहिए, जिसमें अन्य सदस्य देशों का समर्थन देना भी शामिल है।

NATO संबंधित मूल्यों के साथ संगतता

अगर कोई भी देश नाटो में शामिल होना चाहता है, तो उसके लिए जरूरी है कि वह संघ के मूल्यों को साझा करे,जिसमें लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और कानून का शासन होना शामिल है।

भौगोलिक स्थिति

हालांकि, यह जरूरी मापदंड नहीं है,लेकिन NATO आमतौर पर मौजूदा सदस्यों के निकट भौगोलिक स्थिति वाले देशों को प्राथमिकता देता है, क्योंकि यह संकट के समय बल तैनात करने और भेजने में आसान होता है।

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