
ओटावा। कनाडा (Canada) में कोरोना का टीका अनिवार्य बनाने और लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Canada Protest) हो रहा है। पिछले तीन सप्ताह से ट्रकों और दूसरी गाड़ियों के साथ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं। उन्होंने कनाडा की राजधानी ओटावा की सड़कों को बंद कर रखा है, जिससे जन-जीवन ठप है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के लिए देश में आपातकाल लगा दिया है। इसकी काफी आलोचना हो रही है। लोग उनसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से सीखने की अपील कर रहे हैं। जस्टिन ट्रूडो ने भारत में किसान आंदोलन के दौरान बयानबाजी की थी। उन्होंने कहा था, 'स्थिति चिंताजनक है। हम प्रदर्शन कर रहे किसानों के परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं। मैं बता दूं कि शांतपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा मौजूद रहेगा। हम अपनी चिंताओं को लेकर भारतीय अधिकारियों से बात कर रहे हैं। ये हम सभी के साथ आने का वक्त है।'
लोग ट्रूडो को दिला रहे अपने बयान की याद
अब कनाडा के लोग जस्टिन ट्रूडो को किसान आंदोलन के दौरान दिया गया बयान याद दिला रहे हैं। कनाडा इंडिया ग्लोबल फोरम ब्रिटिश कोलंबिया कनाडा के ट्विटर हैंडल से इस संबंध में एक ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा गया है कि कनाडा में Feedom Convoy 2022 प्रदर्शनकारियों के साथ जिस तरह बेरहमी से ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे देख पीड़ा हो रही है। इस समय हम 2021 में भारत में हुए किसान आंदोलन को याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से इस मुद्दे का हल किया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत की।
हम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत सरकार को दिए गए उस बिन मांगी सलाह को भी याद कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि विरोध प्रदर्शन को किस तरह हैडल किया जाना चाहिए। दुख इस बात है कि अब वह खुद अपनी सलाह के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। हमारी प्रधानमंत्री ट्रूडो से अपील है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को लोकतांत्रिक तरीक से हैंडल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदाहरण को फॉलो करें।
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