पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनके देश के परमाणु हथियार सुरक्षित हाथों में नहीं हैं। पाकिस्तान की सेना ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। सेना का कहना है कि परमाणु हथियार का जिक्र राजनीतिक बयानबाजी में नहीं करना चाहिए।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं हैं। पेशावर में एक रोड शो के दौरान इमरान खान ने नव निर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) पर हमला किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान के परमाणु हथियार "लुटेरे" और "चोर" के हाथों में सुरक्षित हैं।
इमरान खान ने कहा कि वह देश की एस्टेब्लिशमेंट (सेना) से पूछना चाहते हैं कि क्या "साजिश" के तहत सत्ता में लाए गए लोग देश के परमाणु कार्यक्रम की रक्षा कर सकते हैं। इन लोगों को साजिश के तहत सत्ता में लाया गया है। इमरान खान ने कहा, 'मैं अपने एस्टेब्लिशमेंट से पूछता हूं, क्या हमारा परमाणु कार्यक्रम उनके हाथों में सुरक्षित हैं? क्या वे इसकी रक्षा कर सकते हैं?"
इमरान खान ने दावा किया कि उन्हें अमेरिकी षड्यंत्र के चलते सत्ता से हटाया गया। उनके रूस यात्रा से अमेरिका नाराज था। अमेरिका ने इमरान खान को हटाने की मांग की थी ताकि यह पाकिस्तान को "क्षमा" कर सके। अमेरिका को संबोधित करते हुए पेशावर की रैली में खान ने कहा, "अमेरिका, हमें आपकी माफी की जरूरत नहीं है ... आप हमें क्षमा करने के लिए कौन हैं? आप इन दासों, इन शरीफों, इन जरदारियों के आदी हैं। क्या परमाणु कार्यक्रम इन लुटेरों के हाथों में सुरक्षित है, जिनका पैसा बाहर है?
सेना ने दिया करारा जवाब
परमाणु हथियार की सुरक्षा पर इमरान खान के बयान पर पाकिस्तान की सेना ने करारा जवाब दिया है। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के डीजी बाबर इफ्तिखार ने इमरान खान के आरोपों को खारिज कर दिया। बाबर इफ्तिखार ने कहा कि हमारे परमाणु कार्यक्रम के लिए ऐसा कोई खतरा नहीं है। इसे हमारी राजनीतिक चर्चाओं में नहीं लाया जाना चाहिए। हमारा परमाणु कार्यक्रम बेहद सुरक्षित है। अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन में इसे सबसे अच्छी सुरक्षा व्यवस्था में से एक माना गया है।
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बता दें कि इमरान खान को पिछले दिनों विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव द्वारा प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया था। इमरान खान इसके लिए विदेशी साजिश को जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका आरोप है कि अमेरिकी साजिश के चलते उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया। इसके लिए वह अमेरिका में तत्कालीन पाकिस्तानी राजदूत द्वारा भेजे गए पत्र का हवाला देते हैं।
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