अमेजन की आग पर काबू पाने के लिए जी-7 के देश करेंगे मदद : मैक्रों

फ्रांस के बिआरित्ज में हो रहे जी-7 देशों के सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि विकसित देश अमेजन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने में मदद करेंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2019 5:54 AM IST

बिआरित्ज, फ्रांस।  फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को कहा कि दुनिया के बड़े औद्योगिक देशों के नेता अमेजन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने और वहां हुई तबाही को दूर करने की कोशिश करने के लिए जल्दी ही एक समझौते तक पहुंचेंगे। गौरतलब है कि फ्रांस के बिआरित्ज में इस बार जी-7 सम्मेलन हो रहा है और दुनिया के बड़े व शक्तिशाली देशों के नेता वहां मौजूद हैं। 

क्या कहा मैक्रों ने 
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जी-7 में शामिल सभी देश अमेजन की आग से प्रभावित देशों की मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन और कनाडा इस आग पर काबू पाने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए संभव उपायों पर जल्द निर्णय लेंगे। 

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बताया अमेजन की आग को टॉप एजेंडा
मैक्रों ने अमेजन के जंगलों में लगी आग को जी-7 समिट का टॉप एजेंडा बताते हुए कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय आपदा है और इससे जल्दी निपटना होगा। यूरोपियन यूनियन के एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि जी-7 के लीडर्स अमेजन के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं और मैक्रों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अमेजन क्षेत्र के देशों से संपर्क करें और जो भी जरूरी हो, वह कदम उठाएं।

दुनिया भर के नेता हैं चिंतित
गौरतलब है कि अमेजन के वर्षावनों में लगी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। अमेजन के जंगलों का आग से सबसे ज्यादा आग से प्रभावित हिस्सा ब्राजील में है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारी चिंता व्याप्त है, क्योंकि दुनिया के पर्यावरण के लिए अमेजन का खास महत्व है। 

मैक्रों ने की थी ब्राजील के राष्ट्रपति की आलोचना
पिछले सप्ताह मैक्रों ने ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो की इस बात के लिए आलोचना की थी कि उन्होंने अमेजन के जंगलों की सुरक्षा के लिए सही कदम नहीं उठाए और पर्यावरण के प्रति उनका रवैया ठीक नहीं रहा। मैक्रों ने कहा कि दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करते हुए हमें जंगलों को बचाने के लिए कदम उठाना है और उन देशों के आर्थिक विकास में मदद भी करनी है। 

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