
G7 summit in Italy: जी7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। शिखर सम्मेलन इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो एग्नाज़िया रिसॉर्ट में आयोजित किया जा रहा है।
अपुलिया क्षेत्र में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को जी7 शिखर सम्मेलन में एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। अपने तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है।
शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी किए हैं। पीएम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बैठकें की हैं।
प्रधानमंत्री मोदी, पोप और इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित कई अन्य ग्लोबल लीडर्स से भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने वीडियो मैसेज जारी कर शुक्रवार को पीएम मोदी के शेड्यूल का अपडेट जारी किया है। रणधीर जायसवाल ने बताया कि शुक्रवार का दिन पीएम मोदी लिए व्यस्तता भरा है। विश्व नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय मीटिंग्स आयोजित थी। पीएम मोदी, जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को भी संबोधित करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रक्षा, परमाणु, अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु कार्रवाई, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क और संस्कृति के क्षेत्रों सहित साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों ने प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बातचीत की है।
समिट के पहले दिन रूस-यूक्रेन संघर्ष हावी
समिट के पहले दिन रूस-यूक्रेन संघर्ष का मुद्दा हावी रहा। जी7 नेताओं ने फ्रीज की हुई रूस की परिसंपत्तियों का उपयोग करके कीव को 50 बिलियन डॉलर के ऋण का समर्थन करने के अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। इसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक महत्वपूर्ण रिजल्ट बताते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए एक मजबूत संदेश बताया।
जी7 लीडर्स की मीटिंग में अपने उद्घाटन भाषण में मेलोनी ने कहा कि ग्लोबल साउथ को एक मजबूत संदेश भेजने के लिए दक्षिणी इटली को स्थल के रूप में चुना गया था। यह कोई संयोग नहीं है कि हम अपुलिया में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। हमने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अपुलिया दक्षिणी इटली का एक क्षेत्र है और हम जो संदेश देना चाहते हैं वह यह है कि इतालवी अध्यक्षता के तहत जी7, ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपनी बातचीत को मजबूत करना चाहता है।
इटली यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इटली-भारत का द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन डॉलर है।
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