Yomiuri Shimbun के साथ इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी बोले-दुनिया को बनाना चाहिए परमाणु हथियारों से मुक्त, चीन संग तनाव पर की ये बात

Published : May 20, 2023, 08:31 AM ISTUpdated : May 20, 2023, 02:46 PM IST
Narendra Modi G7 summit

सार

जी7 के शिखर सम्मेलन (G7 summit) में शामिल होने जापान के हिरोशिमा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी न्यूजपेपर Yomiuri Shimbun को इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि सामूहिक विनाश के हथियारों का उपयोग स्वीकार्य नहीं है। 

हिरोशिमा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 के शिखर सम्मेलन (G7 summit) में शामिल होने जापान के हिरोशिमा पहुंचे हैं। यह जापान के उन दो शहरों में से एक है जिसपर परमाणु बम गिराया गया था। नरेंद्र मोदी ने जापानी न्यूजपेपर Yomiuri Shimbun को इंटरव्यू दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त किया जाना चाहिए। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि G7 और G20 के समन्वित सहयोग के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान निकाला जा सकता है। दोनों संगठनों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करना होगा। नरेंद्र मोदी ने विकासशील और उभरते देशों सहित "ग्लोबल साउथ" की चुनौतियों को हल करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

रूस-यूक्रेन जंग और चीन-ताइवान तनाव की ओर इशारा करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि भू राजनीतिक तनाव के चलते खाद्य पदार्थों और इंधन की सप्लाई चेन बाधित हुई है। उन्होंने विकासशील देशों की मुख्य चिंताओं को दूर करने के लिए जापान और समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

परमाणु हथियारों के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि सामूहिक विनाश के हथियारों का उपयोग बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने परमाणु हथियारों के बिना दुनिया की दिशा में सभी देशों के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। रूस-यूक्रेन जंग को लेकर उन्होंने कहा कि सभी देशों को दूसरे की संप्रभुता का ध्यान रखना चाहिए।

सवाल: जी20 के अध्‍यक्ष के रूप में जी7 शिखर सम्‍मेलन में आपकी भागीदारी का क्‍या महत्‍व है?

नरेंद्र मोदी: वैश्विक सहयोग के लिए G7 और G20 सम्मेलन महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म हैं। G20 अध्यक्ष के रूप में मैं G7 शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करूंगा। जलवायु परिवर्तन, सप्लाई चेन में रुकावट, आर्थिक सुधार, ऊर्जा अस्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा और शांति और सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए G7 और G20 के बीच सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। भारत और जापान के बीच विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी है। यह हमारे संयुक्त प्रयासों के लिए मजबूत आधार है।

सवाल: रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले को आप किस तरह देखते हैं? संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों पर मतदान से दूर रहने और रूस से तेल आयात बढ़ाने पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं। भारत इसका कैसे जवाब देता है?

नरेंद्र मोदी: भारत ने बातचीत और कूटनीति से विवादों का हल किए जाने की वकालत की है। आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित लोगों की भलाई इसी में है। भारत आक्रमण की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए प्रस्तावों से दूर रहा। भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण हल का समर्थन करता है। इसके लिए भारत UN के अंदर और बाहर रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।

सवाल: ग्लोबल साउथ के प्रमुख नेता के रूप में आप प्रमुख शक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता को कैसे देखते हैं? वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भारत उनके साथ कैसे काम करेगा?

नरेंद्र मोदी: दुनिया कोरोना महामारी, सप्लाई चेन में बाधा, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना कर रही है। इन समस्याओं से विकासशील दुनिया अधिक प्रभावित हो रही है। भारत इन चिंताओं को दूर करने को प्राथमिकता देता है। भारत जापान और अन्य भागीदारों के सहयोग से ह्यूमन सेंट्रिक डेवलपमेंट पर जोर देता है। भारत का उद्देश्य मानवता की भलाई के साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्रित रचनात्मक एजेंडे को बढ़ावा देना है।

यह भी पढ़ें- G7 Summit: पीएम नरेंद्र मोदी ने किया महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण, बोले- हिरोशिमा नाम सुनते ही कांप उठती है दुनिया

सवाल: भारत दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार और अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ताइवान जलडमरूमध्य में बढ़ते तनाव से कैसे निपटेगा?
नरेंद्र मोदी: भारत संप्रभुता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का सम्मान करता है। भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दृष्टिकोण के अनुसार भारत ने बांग्लादेश के साथ भूमि और समुद्री सीमाओं को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है।

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

इमरान खान को होगी फांसी? पाकिस्तानी सरकार क्यों करने जा रही आर्टिकल 6 का यूज ?
Sydney Terror Attack जांच में बड़ा खुलासा: हमले से पहले फिलीपींस गए थे आतंकी, एक के पास भारतीय पासपोर्ट