जी7 के आउटरीच सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक समुदाय को टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को खत्म करना चाहिए। इसे सभी के लिए पहुंच में बदलना चाहिए। टेक्नोलॉजी को रचनात्मक बनाना चाहिए, विनाशकारी नहीं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होकर इटली से लौट आए हैं। जी7 में पीएम मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता का उपयोग किया जाए ताकि सामाजिक असमानताएं समाप्त करने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को सभी के लिए पहुंच में बदलना चाहिए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सिर्फ हमारी इच्छा नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। टेक्नोलॉजी की सफलता इसके मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में है। पीएम ने सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने में भारत की सफलता का हवाला दिया। उन्होंने कहा, "हमें निश्चित रूप से टेक्नोलॉजी को रचनात्मक बनाना चाहिए, विनाशकारी नहीं।"
सभी की प्रगति और कल्याण होना चाहिए टेक्नोलॉजी का उद्देश्य
पीएम मोदी ने सभी के लिए AI पर आधारित भारत के एआई मिशन की बात की। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का उद्देश्य सभी की प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि भारत एआई के लिए वैश्विक साझेदारी के संस्थापक सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
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नरेंद्र मोदी ने जी7 के देशों से ग्लोबल साउथ विशेष रूप से अफ्रीका की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। भारत में चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि तकनीक के सर्वव्यापी उपयोग से पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी है। उन्होंने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार उनकी सेवा करने का अवसर दिया है। पिछले छह दशकों में भारत में ऐसा पहली बार हुआ है। इस ऐतिहासिक जीत के रूप में भारत के लोगों ने जो आशीर्वाद दिया है, वह लोकतंत्र की जीत है। यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है।”
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