Trump Tariff And US Visa: H1B वीजा और टैरिफ की सख्ती का असर! अमेरिका में घटी विदेशी छात्रों की संख्या, केवल इतने छात्रों ने लिया एडमिशन

Published : Oct 09, 2025, 07:10 AM IST
Trump Tariff And US Visa

सार

Trump Tariff And US Visa: अमेरिका में H-1B वीजा की फीस बढ़ाने के ट्रंप के फैसले ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है। इसका सबसे बड़ा असर अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर पड़ा है। 

Trump Tariff And US Visa: डोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा की फीस बढ़ा दी है, जिससे विदेशों में हलचल मच गई है। इसका सबसे ज्यादा असर छात्रों पर पड़ा। अमेरिका में इस साल अगस्त तक अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पिछले साल की तुलना में 19% कम रही। कोविड के बाद यह अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आने में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसका कारण यह है कि ट्रंप सरकार ने वीजा प्रक्रिया को धीमा कर दिया, 19 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया, कुछ अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका छोड़ने की चेतावनी दी और छात्र वीजा के आवेदन की कड़ी जांच शुरू कर दी।

अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या घटी

ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्र अगस्त में अमेरिका आते हैं, क्योंकि वे अपने प्रोग्राम की शुरुआत से 30 दिन पहले देश में एंट्री नहीं कर सकते। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र आते हैं जो करीब 13 लाख हैं। इनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा छात्र एशिया से आते हैं। इस साल अगस्त में एशियाई छात्रों की संख्या में 24 प्रतिशत की गिरावट आई है। करीब तीन में से एक अंतरराष्ट्रीय छात्र भारत से आता है, लेकिन इस साल अगस्त में भारतीय छात्रों की संख्या में 44 प्रतिशत की गिरावट हुई। हर पांच में से एक छात्र चीन से है, और चीनी छात्रों की संख्या भी घट रही है।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर पड़ेगा असर

एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ने से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर असर पड़ेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए एच-1बी वीजा के लिए 1,00,000 डॉलर शुल्क का ऐलान किया है। इसका असर टेक कंपनियों और वित्तीय कंपनियों पर तो पड़ेगा ही, साथ ही यह अमेरिका के शिक्षा संस्थानों और कक्षाओं में भी दिखेगा।

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क्या है H-1B वीजा? 

H-1B वीजा अमेरिका का एक नॉन-रेजिडेंशियल वीजा है, जो वहां की कंपनियों को टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फाइनेंस और एजुकेशन जैसे खास सेक्टर में विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की अनुमति देता है। ट्रंप के नए नियम के अनुसार, अब हर H-1B वीजा के आवेदन पर अमेरिकी कंपनियों को 1 लाख डॉलर शुल्क देना होगा, चाहे यह नया कर्मचारी हो या पहले से काम कर रहे कर्मचारी की एंट्री हो।

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