आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फाउंडर हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी मर गया है। UNSC ने बताया है कि दिल का दौरा पड़ने से 29 मई 2023 को उसकी मौत हुई।
नई दिल्ली। पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फाउंडर हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी मर गया है। वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद का डिप्टी थी। वह 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने हाफिज अब्दुल के मारे जाने की पुष्टि की है।
हाफिज अब्दुल लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक सदस्य था। वह इस कुख्यात आतंकी संगठन के प्रमुख हाफिज सईद के डिप्टी के रूप में काम करता था। UNSC ने गुरुवार को पुष्टि की कि हाफिज अब्दुल की मौत हो गई है। UNSC ने बताया है कि उसकी मौत मई 2023 में दिल का दौरा पड़ने से हुई।
लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11/2008 को मुंबई में भीषण आतंकी हमला कराया था। इसके चलते 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक घायल हुए थे। हाफिज सईद भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है। भारत सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान से कहा है कि वह हाफिज सईद को सौंप दे।
दिल का दौरा पड़ने से हुई हाफिज अब्दुल की मौत
UNSC के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किए गए प्रेस नोट में कहा गया है कि 77 साल के हाफिज अब्दुल की मौत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में हुई। वह पाकिस्तान सरकार के हिरासत में था। 29 मई 2023 को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हुई।
78 साल की कैद की सजा काट रहा हाफिज सईद
हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने के बाद हाफिज अब्दुल लश्कर-ए-तैयबा के रोज के कामों का इंचार्ज था। मुंबई आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी पुलिस ने हाफिज सईद को हिरासत में लिया था। जून 2009 में पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे हिरासत से मुक्त कर दिया था। वर्तमान में मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में 78 साल की कैद की सजा काट रहा है।
यह भी पढ़ें- यमन तक फैली इजरायल हमास जंग की आग, US-UK ने हौथी विद्रोहियों पर किया हमला
UNSC ने बताया है कि हाफिज अब्दुल के नेतृत्व में मध्य 2002 में लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान के लाहौर में बेस बनाया था। 14 मार्च 2023 को उसे लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों में भाग लेने या समर्थन करने के लिए अल-कायदा से जुड़े होने के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान: मारा गया अल्लामा मसूद उर रहमान उस्मानी, भारत के खिलाफ बोलता था जहरीले बोल