
Hamas Hostages Release: मध्य पूर्व की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। हमास (Hamas) ने आखिरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की गाजा शांति योजना पर आंशिक सहमति जताई है। इस सहमति के तहत हमास ने सभी इज़राइली बंधकों (Israeli Hostages)-चाहे वे जिंदा हों या मृत-को रिहा करने का वादा किया है। लेकिन, इसके साथ कुछ बड़ी शर्तें रखी गई हैं, जिनसे इस सौदे पर रहस्य और सस्पेंस और भी गहराता जा रहा है।
हमास के समर्थकों ने पहले ही धमकी दी थी कि अगर संगठन ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराया, तो उसके खिलाफ "ऐसा नर्क टूटेगा जैसा पहले कभी नहीं देखा गया"। शायद यही चेतावनी हमास को पीछे हटने पर मजबूर कर गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को रविवार शाम 6 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। उनका कहना था कि अगर हमास मान नहींता, तो आतंकवादी समूह पर ऐसा हमला होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ट्रंप ने अपने बयान में साफ कहा कि हमास ने "7 अक्टूबर के नरसंहार" के बाद पूरे मध्य पूर्व को खतरे में डाल दिया है।
हमास ने साफ किया है कि-
हमास का यह फैसला एक तरफ उम्मीद जगाता है कि शायद Israel-Gaza War खत्म हो सकता है। लेकिन दूसरी तरफ, इसमें इतनी शर्तें जुड़ी हैं कि शांति का रास्ता अभी भी कठिन और रहस्यमय है। सवाल ये भी है कि क्या ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना (Trump 20-Point Peace Plan) फिलिस्तीनी गुटों के बीच एकजुटता ला पाएगी या फिर यह सिर्फ एक कूटनीतिक खेल साबित होगी?
मध्य पूर्व में शांति की बात करना आसान है, लेकिन दशकों पुराने संघर्ष को खत्म करना आसान नहीं। हमास की ओर से बंधकों की रिहाई की घोषणा जरूर एक बड़ा मोड़ है, लेकिन यह असल में कितनी दूर तक शांति लेकर आएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।
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