हमास की मिसाइल्स और गोलीबारी से बचे इजरायल में रहने वाले अमेरिकी की आपबीती रोंगटे खड़े कर देंगी...

नोवा महोत्सव यहां सेलिब्रेट किया जाने वाला जीवंत और आनंद से भरा उत्सव है लेकिन हमास ने उन खुशियों को छीनकर जीवनभर का गम दे गया। उस हृदयविदारक घटना के बाद जो जीवित बच गए उनके लिए वह पल जीवनभर के सदमे से कम नहीं।

 

Hamas attack on Israel: 7 अक्टूबर, दिन शनिवार। पूरा इजरायल गीत-संगीत, उत्साह और खुशियों में डूबा हुआ था। रात उत्सव से चकाचौंध थी। लेकिन अचानक से खुशियां मातम में बदल गई। ऐसा मातम जो जीवन भर सालता रहेगा। दरअसल, नोवा महोत्सव यहां सेलिब्रेट किया जाने वाला जीवंत और आनंद से भरा उत्सव है लेकिन हमास ने उन खुशियों को छीनकर जीवनभर का गम दे गया। उस हृदयविदारक घटना के बाद जो जीवित बच गए उनके लिए वह पल जीवनभर के सदमे से कम नहीं।

इज़राइल में रहने वाले इतालवी-अमेरिकी 28 वर्षीय जोनाथन डिलर उन जीवित बचे लोगों में से एक हैं जिन्होंने अकल्पनीय घटना देखी। उस घटना, उन पलों को याद कर वह सहम जाते हैं। भयावह दिन उनके जेहन में आते ही लब खामोश हो जाते, चेहरे पर खौफ, गम और गुस्सा साफ झलकने लगता।

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जोनाथन डिलर ने बताया कि उत्सव में लगभग 3,000 लोग थे। उनमें से 260 से अधिक लोग मारे गए। हत्या कर दी गई। कुछ का अपहरण कर लिया गया। मुझे लगता है कि लगभग 10% को तत्काल मार दिया गया। मेरा नाम जोनाथन डिलर है। मैं 28 वर्ष का हूं। मैं एक इतालवी हूं अमेरिकी नागरिक और हम इज़राइल में रहते हैं। मैं संगीत समारोह में भयानक आतंकवादी हमले में बच गया।

इजरायल डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने ट्वीटर पर जीवित बचे कुछ व्यक्तियों के वीडियोज साझा किए हैं। जोनाथन डिलर भी उनमें से एक हैं। जोनाथन डिलर और उनके दोस्त उन लोगों में से थे जो उत्सव का आनंद लेने आए थे। रातभर वह उत्सव में डूबे रहे। डांस और पार्टी में पूरी रात बीत गई। सुबह 6.30 बजे तक सब सेलिब्रेशन में मगन थे लेकिन अचानक से ऊपर से रॉकेट्स की बारिश होने लगी। हालांकि, वह लोग ऐसी जगह थे जहां रॉकेट्स के ऐसे हमले के आदी थे लेकिन इस बार पहले की तरह स्थिति नहीं थी। इजरायल का सिक्योरिटी डोम इस बार हवाई हमले को नाकाम करने में खुद नाकाम रहा। सुरक्षा भेदी जा चुकी थी। और देखते ही देखते पूरा उत्सव मातम में बदल चुका था। हर तरफ मौत, चीख-पुकार।

उन पलों को याद करते हुए जोनाथना डिलर कहते हैं: मैं और मेरा दोस्त और हमारा पूरा समूह डांस कर रहे थे। अचानक सुबह 6:30 बजे, हमने रॉकेट देखे। आसमान में दर्जनों रॉकेट थे। हम आश्चर्यचकित नहीं थे। यह कुछ ऐसा है जो अतीत में हुआ है। रॉकेट इज़राइल में लॉन्च किया गया। हम ड्रिल जानते थे। अचानक, मैं एक महिला को यू-टर्न लेते हुए देखता हूं। उसके शरीर से खून बह रहा था। खून बहने से रोकने के लिए पहले कुछ ढूंढृा फिर अपनी शर्ट से उसके घाव पर रखकर उसे रोकने की कोशिश की। हमारे चारों तरफ गोलीबारी शुरू हो चुकी थी। दर्जनों फायरिंग की आवाजें हर ओर से आनी शुरू हो गई थी। वह महिला आंखों के सामने मर रही थी। हम अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागने का प्रयास किया। सब नीचे लेटकर किसी तरह वहां से निकलने की कोशिश में थे। मैं चिल्ला रहा था कि हर कोई बस लेट जाए और अपना सिर नीचे कर लें। चलो आगे बढ़ते रहें। पूर्व की ओर बढ़ते रहें, परिसर से दूर, घटना से दूर। हम बस चलते रहे और दुर्भाग्य से, वहां ऐसे लोग थे, जो वहां रुके थे। मुझे लगता है कि ये लोग भाग्यशाली नहीं थे। इसलिए हम घंटों-घंटों तक पैदल चल रहे थे। हम सभी थक गए थे। हमारे पास न तो पानी था और न ही भोजन। जब चल रहे थे तो हमारे सिरों के ऊपर से दर्जनों मिसाइल गुजर रहे थे।

चलते-चलते एक छोटे से गांव में पहुंचे

एक डरावनी यात्रा के बाद बचे हुए लोग एक छोटे से गांव पाटीश के बाहरी इलाके में पहुंचे। मदद के लिए वह लोग गुहार लगाने लगे। गांव के अजनबियों ने अपनी दयालुता दिखाई। उन लोगों ने बचे हुए लोगों को एक सुरक्षित जगह तक पहुंचाया। बचे हुए लोग उन अन्य लोगों की कतार में शामिल हो गए जो जीवित बच गए थे, उनके चेहरे पर डर और अविश्वास के निशान थे। यह हकीकत धीरे-धीरे सामने आ रही थी कि वे एक भीषण नरसंहार में बाल-बाल बच गए थे।

हम भाग्यशाली थे कि जीवित बच गए

अंततः हम निकटतम गांव के बाहरी इलाके में पहुंच गए, जिसे पतीश कहा जाता है। हमने देखा कि लोग कारों के साथ हमारा इंतजार कर रहे थे, हमें हिब्रू में बुला रहे थे और बस हाथ हिला रहे थे। हम सब बस उनकी ओर दौड़ रहे हैं, हमें नहीं पता कि हम कहां जा रहे हैं, लेकिन हम जानते हैं कि हम किसी सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। कार्यक्रम में सैकड़ों लोग मौजूद थे, लोग रो रहे थे। उन्हें अपने दोस्त नहीं मिल रहे थे। हम समझ गए कि वे वास्तव में भाग्यशाली थे क्योंकि जो लोग पहले चले गए।

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