महिला ने ठोड़ी तक सरका रखा था मास्क, युवक ने गुस्से में छाती पर दे मारी लात, सुर्खियों में 2 साल पुराना केस

मास्क नहीं पहनने पर दो साल पहले एक भारतीय मूल की महिला की पिटाई का मामला फिर से मीडिया की सुर्खियों में है। मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। भारतीय मूल की हिंदोचा नीता विष्णुभाई ने कोर्ट को बताया कि लगभग दो साल पहले एक व्यक्ति ने उनकी छाती पर लात मारी थी और उन पर नस्ली टिप्पणी की थी।

सिंगापुर(Singapore). मास्क नहीं पहनने पर दो साल पहले एक भारतीय मूल की महिला की पिटाई का मामला फिर से मीडिया की सुर्खियों में है। मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। भारतीय मूल की हिंदोचा नीता विष्णुभाई(Indian-origin woman Hindocha Nita Vishnubhai) ने कोर्ट को बताया कि लगभग दो साल पहले एक व्यक्ति ने उनकी छाती पर लात मारी थी और उन पर नस्ली टिप्पणी की थी। यह घटना 7 मई, 2021 को चुआ चू कांग हाउसिंग एस्टेट(Chua Chu Kang housing estate) में हुई थी। पढ़िए चौंकाने वाली घटना...


इस मामले में यहां बुधवार(18 जनवरी) को कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। 57 वर्षीय नीता ने वोंग जिंग फोंग(Wong Xing Fong) पर यह आरोप लगाया था। फोंग इस समय 32 साल का है। हालांकि ट्रायल के पहले ही दिन फोंग ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। कोर्ट डाक्यूमेंट्स के अनुसार, वोंग पर हिंदोचा पर नस्लीय गालियां(hurling racial slurs) देने का आरोप है। इसका मकसद हिंदोचा की जातीय भावनाओं को ठेस पहुंचाना था। फोंग पर हिंदोचा की छाती पर लात मारने का भी आरोप है।

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लोकल मीडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को हिंदोचा को अभियोजन पक्ष के पहले गवाह के रूप में बुलाया गया था, लेकिन कोर्टरूम में जाते ही वह रो पड़ीं। हालांकि टुडे की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं था कि वह वोंग को देखकर रोई थीं या नहीं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट जज शैफुद्दीन सरुवन ने मामले को अस्थायी रूप से रोक दिया, ताकि हिंदोचा को खुद को शांत करने के लिए समय मिल सके। साथ ही पीड़िता और आरोपी के बीच एक स्क्रीन लगाई जा सके, जिससे वे एक-दूसरे को न देख सकें।


जैसे ही लगभग 30 मिनट बाद मुकदमा फिर से शुरू हुआ, हिंदोचा ने अदालत को यह बताने के लिए स्टैंड लिया कि हमले के दिन क्या हुआ था। हिंदोचा ने कहा कि वह आमतौर पर काम पर जाने के दौरान तेज-तेज चलती हैं, क्योंकि उनके पास काम से पहले किसी अन्य प्रकार के व्यायाम करने का समय नहीं होता है। लिहाजा, अच्छे से सांस लेने के लिए उन्होंने अपने चेहरे से मास्क को ठोड़ी तक खींच लिया था। उस समय, सिंगापुर के COVID-19 रेग्युलेशन को अनिवार्य कर दिया था कि जब तक कि कोई एक्सरसाइज नहीं कर रहा हो, तब तक हर कोई अपने चेहरे पर मास्क लगाए रखे।

जब हिंदोचा चो चू कांग ड्राइव के पास नॉर्थवेल कॉन्डोमिनियम के बगल में एक बस स्टॉप के पास आ रही थीं, तो उन्होंने किसी को पीछे से चिल्लाते हुए सुना। उन्होंने पलटकर देखा, तो उनकी नजर आरोपी फोंग और एक अनजान महिला पर पड़ी। वे नकाब ऊपर चढ़ाने को बोल रहे थे। इस पर हिंदोचा ने कहा कि वे एक्सरसाइज कर रही थीं। इस पर फोंग ने उन्हें नस्लीय गाली दीं।

हिंदोचा ने कोर्ट से कहा कि-"मुझे लड़ना पसंद नहीं है, सर, इसलिए मैंने उससे कहा, 'भगवान आपका भला करे। लेकिन वोंग उसकी ओर दौड़ा और सीने में फ्लाइंग किक मार दी।" हिंदोचा ने कहा कि इससे वो पीठ के बल गिर गईं, जिससे उसकी बाईं बांह और हथेली से खून बहने लगा। हिंदोचा ने आरोप लगाया कि इसके बाद ये कपल फिर से जॉगिंग पर चले गए, जैसे कुछ भी नहीं हुआ था।

हिंदोचा ने कोर्ट से कहा-"मैं बहुत जोर से रो रही थी, सर। मैं बहुत डर गई थी। आज तक, (अगर) आप मुझे उस सड़क पर लाएंगे तो मैं रोऊंगी ...मैं बहुत डर गई थी।" बस स्टॉप पर एक महिला ने उसे उठाने में मदद की और उसकी चोटों के लिए उसे फर्स्ट एड दिया।


हिंदोचा ने कहा कि उसने अपने पति और वर्क प्लेस पर मैनेजर को अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद एक ट्यूशन सेंटर में अंग्रेजी ट्यूटर के रूप में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद शाम को पुलिस में शिकायत की। इसके बाद 10 मई को एक पॉलीक्लिनिक में डॉक्टर ने उसकी चोटों की जांच की थी।

उप लोक अभियोजक (Deputy Public Prosecutor-DPP) फू(Foo) ने कोर्ट में हिंदोचा से पूछा कि इस हादसे का उन पर क्या असर पड़ा? हिंदोचा ने कहा कि उन्हें डर और दुख दोनों महसूस हो रहा है। हालांकि वोंग के वकील ने तर्क दिया कि वे व्यायाम नहीं कर रही थीं, इसलिए मास्क नीचे खींचने का कोई कारण नहीं था। वकील ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए कहा कि वोंग ने उसके खिलाफ अश्लीलता का इस्तेमाल नहीं किया था और उसे सीने में लात भी नहीं मारी थी। वोंग ने उल्टे दावा किया कि हिंदोचा ने उस पर थूका और उसे व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि वह तेज-तर्रार हैं और उसे अपने काम से काम रखना चाहिए। हालांकि हिंदोचा ने यह आरोप नकार दिए।


इस मामले में दूसरा गवाह वह डॉक्टर है, जिसने हिंदोचा का इलाज किया था। ट्रायल फरवरी की शुरुआत तक स्थगित होने से पहले गुरुवार और शुक्रवार को जारी रहेगा। किसी को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल या 5,000 SGD तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां अपराध नस्लीय या धार्मिक रूप से बढ़ गया है, अदालत उस व्यक्ति को 1.5 गुना दंड की सजा दे सकती है। यानी जानबूझकर किसी व्यक्ति की धार्मिक या नस्लीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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